जय जय शिव ओंकारा, हर हर शिव ओंकारा (Jay Jay Shiv Omkara Har Har Shiv Omkara)

ओम जय शिव ओंकारा,

हर हर शिव ओंकारा,

गंगा जटा समाए आपके,

जिसने जग तारा ॥


जय भयहारक पातक तारक,

जय जय अविनाशी,

जय महेश जय आदिदेव,

जय जय कैलाशी,

कृपा आपकी से मिटता है,

मन का अंधियारा ॥


जय त्रिपुरारी जय मदहारी,

भक्तन हितकारी,

जय डमरुधर जय नागेश्वर,

भोले भंडारी,

मेरी बड़ी भूल को प्रभु ने,

पल में निस्तारा ॥


जो शिव को नाहीं समझे,

वह बड़ा है अज्ञानी,

पग पग पर वह ठोकर खाता,

ऐसा अभिमानी,

शिव कृपा से जगमग करता,

है यह जग सारा ॥


ओम जय शिव ओंकारा,

हर हर शिव ओंकारा,

गंगा जटा समाए आपके,

जिसने जग तारा ॥


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श्रीरामरक्षास्तोत्रम् (Shriramarakshastotram)

अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषि: श्रीसीतारामचन्द्रो देवता अनुष्टुप् छन्द: सीता शक्ति: श्रीमद्हनुमान् कीलकम् श्रीसीतारामचन्द्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोग:॥

इस व्रत से बढ़ता है पति-पत्नी का प्रेम

अनंग त्रयोदशी व्रत में भगवान शिव-पार्वती तथा कामदेव और रति का पूजन किया जाता है। यह दिन प्रेमी जोड़ों के लिए बहुत खास माना गया है। क्योंकि, इस दिन व्रत रखने से जीवन में प्रेम की प्रगाढ़ता बढ़ती है।

मन चल रे वृन्दावन धाम(Man Chal Re Vrindavan Dham)

मन चल रे वृन्दावन धाम,
राधे राधे गाएंगे,

अनंग त्रयोदशी जोड़ों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

अनंग त्रयोदशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। 2024 में यह व्रत 13 दिसंबर को पड़ेगा। इस दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा, जो मार्गशीर्ष महीने का आखिरी प्रदोष व्रत है।

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