हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके (Har Ghadi Yaad Teri Aaye Sautan Banke)

हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


इक जमाना था बुलाने से चला आता था,

मुझको कण कण में तेरा चेहरा नजर आता था,

टूट गई मैं तेरे चेहरे का दर्पण बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,

हर घड़ी याद तेरी आये सोतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


शीशे जैसा मेरा दिल था जो तूने तोड़ दिया,

मुझको लगता है किसी और से दिल जोड़ लिया,

अब तो हर रात मुझे ढसती है नागिन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,

हर घड़ी याद तेरी आये सोतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


दर्द अब दिल का बढ़ाने से भला क्या होगा,

श्याम जो रूठा साथ छूटा अब कहाँ होगा,

श्याम ब्रिज वास करूँ फिरती हूँ बावरी बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,

हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


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तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी (Tune Jeena Sikhaya Bholenath Ji)

तुम्हे दिल में बसाया,
तुम्हे अपना बनाया,

धारा तो बह रही है (Dhara Too Beh Rahi Hai)

धारा तो बह रही है,
श्री राधा नाम की,

बता मेरे भोले बाबा रे, तेरी कैसे महिमा गाऊं (Bata Mere Bhole Baba Re Teri Kaise Mahima Gaun)

बता मेरे भोले बाबा रे,
तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥

प्रदोष व्रत के फायदे

प्रदोष व्रत त्रयोदशी के दिन रखा जाता है। इसलिए, इसे त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। प्रत्येक महीने में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है।

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