जो विधि कर्म में लिखे विधाता (Jo Vidhi Karam Me Likha Vidhata)

जो विधि कर्म में लिखे विधाता,

मिटाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


वक्त पड़ा राजा हरीशचंद्र पे,

काशी जो बिके भाई,

रोहित दास को डसियो सर्प ने,

रोती थी उसकी माई ll

उसी समय रोहित को देखो,

बचाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


जो विधि कर्म में लिखे विधाता,

मिटाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


वक्त पड़ा देखो रामचंद्र पे,

वन को गए दोनों भाई,

राम गए और लखन गए थे,

साथ गई सीता माई ll

वन में हरण हुआ सीता का,

बचाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


जो विधि कर्म में लिखे विधाता,

मिटाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


वक्त पड़ा अंधी अंधों पे,

वन में सरवण मरन हुआ,

सुन करके सुत का मरना फिर,

उन दोनों का मरन हुआ ll

उसी श्राप से दशरथ मर गए,

जलाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


जो विधि कर्म में लिखे विधाता,

मिटाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥

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Mere Ladle Ganesh Pyare Pyare (मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे)

मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे
भोले बाबा जी की आँखों के तारे

कब है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हर वर्ष अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। दृक पंचांग के अनुसार दिसंबर माह के 18 तारीख को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी (Darshan Do Ghansyam Nath Mori Akhiyan Pyasi Re)

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी,
अँखियाँ प्यासी रे ।

मार्च के व्रत और त्योहार

फाल्गुन मास का प्रारंभ होते ही हिंदू धर्म में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आते हैं। फाल्गुन मास में मनाए जाने वाला रंगों का त्यौहार जिसे हम होली कहते हैं।

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