कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे (Kabhi Fursat Ho To Jagdambe)

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,

निर्धन के घर भी आ जाना ।

जो रूखा सूखा दिया हमें,

कभी उस का भोग लगा जाना ॥


ना छत्र बना सका सोने का,

ना चुनरी घर मेरे टारों जड़ी ।

ना पेडे बर्फी मेवा है माँ,

बस श्रद्धा है नैन बिछाए खड़े ॥

इस श्रद्धा की रख लो लाज हे माँ,

इस विनती को ना ठुकरा जाना ।

जो रूखा सूखा दिया हमें,

कभी उस का भोग लगा जाना ॥


कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,

निर्धन के घर भी आ जाना ।


जिस घर के दिए मे तेल नहीं,

वहां जोत जगाओं कैसे ।

मेरा खुद ही बिछौना डरती माँ,

तेरी चोंकी लगाऊं मै कैसे ॥

जहाँ मै बैठा वही बैठ के माँ,

बच्चों का दिल बहला जाना ।

जो रूखा सूखा दिया हमें,

कभी उस का भोग लगा जाना ॥


कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,

निर्धन के घर भी आ जाना ।


तू भाग्य बनाने वाली है,

माँ मै तकदीर का मारा हूँ ।

हे दाती संभाल भिकारी को,

आखिर तेरी आँख का तारा हूँ ॥

मै दोषी तू निर्दोष है माँ,

मेरे दोषों को तूं भुला जाना ।

जो रूखा सूखा दिया हमें,

कभी उस का भोग लगा जाना ॥


कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,

निर्धन के घर भी आ जाना ।

जो रूखा सूखा दिया हमें,

कभी उस का भोग लगा जाना ॥

........................................................................................................
भानु सप्तमी पर सूर्यदेव को क्या चढ़ाएं

हिंदू धर्म में भानु सप्तमी का व्रत विशेष रूप से सूर्यदेव को समर्पित है। यह दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने के लिए विशेष माना जाता है।

मोक्षदा एकादशी पर कैसे करें तुलसी पूजन

शास्त्रों मोक्षदा एकादशी का व्रत बेहद मंगलकारी माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है और यह सबसे पावन दिनों में से एक माना जाता है।

पौष पूर्णिमा 2025

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।

अर्जी सुनकर मेरी मैया, घर में मेरे आई (Arji Sunkar Meri Maiya, Ghar Mein Mere Aayi)

अर्जी सुनकर मेरी मैया,
घर में मेरे आई,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने