कहत हनुमान जय श्री राम (Kahat Hanuman Jai Shri Ram)

श्री राम जय राम

जय जय राम

श्री राम जय राम

जय जय राम

श्री राम जय राम

जय जय राम

श्री राम जय राम

जय जय राम


कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम


लगा के सिंदूर बदन पे

पाने को श्री राम का प्यार

महावीर विक्रम बजरंगी


कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम


भूख के मारे पवन बेग से

उड़ के गए सूरज के पास

निगल गए जो समझ के फल को


कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम


कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम


प्राण से प्यारे रामचंद्र के

भाई लखन की बचाने जान

ले आए पर्वत उखाड़कर


कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम


कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम


करे जो रघुपति जी का ध्यान

मिल जाएँगे स्वयं हनुमान

भक्त शिरोमणि हैं भगवान


कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम


कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम


कहत हनुमान जय श्री राम

सामने सबके बिना हिचक के

राम भक्ति की दी पहचान

प्रसन्न मुख से चीर के सीना


कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम


श्री राम जय राम जय जय राम

श्री राम जय राम जय जय राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

कहत हनुमान जय श्री राम

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माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।

दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले (Doosron Ka Dukhda Door Karne Wale)

दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,
तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।

जनवरी में कब है संकष्टी चतुर्थी

सनातन हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि साल की पहली संकष्टी चतुर्थी लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानी जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान गणेश जी और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है।

कभी भूलू ना.. मेरे राधा रमण (Kabhi Bhoolun Na Radha Raman Mere)

कभी भूलू ना कभी भूलू ना
कभी भूलू ना याद तुम्हारी

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