कलयुग में फिर से आजा, डमरू बजाने वाले (Kalyug Mein Fir Se Aaja Damru Bajane Wale)

कलयुग में फिर से आजा,

डमरू बजाने वाले,

दुःख दर्द सब मिटा जा,

डमरू बजाने वाले ॥


विष पीके तुमने बाबा,

संसार को बचाया,

भैरव के रूप में भी,

महाकाल बनके आया,

दानव को फिर मिटा जा,

तांडव रचाने वाले,

कलयुग मे फिर से आजा,

डमरू बजाने वाले ॥


दानव देव ऋषियों ने,

सबने है तुम्हे ध्याया,

संतो के लिए बाबा,

सातों धाम रचाया,

भक्तो को फिर जगा जा,

उज्जैन वाले बाबा,

कलयुग मे फिर से आजा,

डमरू बजाने वाले ॥


कलयुग में फिर से आजा,

डमरू बजाने वाले,

दुःख दर्द सब मिटा जा,

डमरू बजाने वाले ॥

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क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति

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बाबा ये नैया कैसे,
डगमग डोली जाए,

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले (Meri Rasna Se Prabhu Tera Naam Nikle)

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले,
हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥

पापमोचनी एकादशी कब है?

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