जब भी नैन मूंदो(Jab Bhi Nain Mundo Jab Bhi Nain Kholo)

जय राधे कृष्णा,

जय राधे कृष्णा,

जय राधे कृष्णा हरे हरे ॥


जब भी नैन मूंदो,

जब भी नैन खोलो,

राधे कृष्णा बोलो,

राधे कृष्णा बोलो,


जय राधे कृष्णा,

जय राधे कृष्णा,

जय राधे कृष्णा हरे हरे ॥


वृंदावन ब्रज की राजधानी,

यहाँ बसे ठाकुर ठकुरानी,

मधुर मिलन की साक्षी देते,

सेवा कुञ्ज और यमुना का पानी,

सेवा कुञ्ज और यमुना का पानी,

पूण्य प्रेम रस में आत्मा भिगोलो,

जब भी नैन मुंदो,

जब भी नैन खोलो,

राधे कृष्णा बोलो,

राधे कृष्णा बोलो ॥


कृष्ण राधिका एक है,

इनमे अंतर नाही,

राधे को आराध लो,

कृष्णा तभी मिल जाए,

प्रथक प्रथक कभी इनको ना तोलो,

जब भी नैन मुंदो,

जब भी नैन खोलो,

राधे कृष्णा बोलो,

राधे कृष्णा बोलो ॥


जब भी नैन मूंदो,

जब भी नैन खोलो,

राधे कृष्णा बोलो,

राधे कृष्णा बोलो


जय राधे कृष्णा,

जय राधे कृष्णा,

जय राधे कृष्णा हरे हरे ॥

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कितने दिन रहेगी माघ गुप्त-नवरात्रि

सनातन हिंदू धर्म में विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं। नवरात्रि भी इन्हीं में से एक है। एक साल में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है। इनमें से 2 नवरात्रि प्रत्यक्ष और 2 गुप्त मानी जाती हैं।

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है। इसी लिए विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता गणेश जी को समर्पित गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि का बनी रहती है।

वो है जग से बेमिसाल सखी

कोई कमी नही है, दर मैय्या के जाके देख।
देगी तुझे दर्शन मैय्या, तू सर को झुका के देख।

खरमास माह में तुलसी पूजा का महत्व

सनातन धर्म में तुलसी का खास महत्व है। तुलसी को लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। इसलिए, बिना तुलसी के श्रीहरि की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। सभी घरों में सुबह-शाम तुलसी पूजा की जाती है।

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