कर प्रणाम तेरे चरणों में - प्रार्थना (Kar Pranam Tere Charno Me: Morning Prarthana)

प्रातःकाल की प्रार्थना

कर प्रणाम तेरे चरणों में लगता हूं अब तेरे काज ।

पालन करने को आज्ञा तब मैं नियुक्त होता हूं आज ॥


अन्तर में स्थित रह मेरी बागडोर पकड़े रहना ।

निपट निरंकुश चंचल मन को सावधान करते रहना ॥


अन्तर्यामी को अन्तः स्थित देख सशंकित होवे मन ।

पाप वासना उठते ही हो, नाश लाज से वह जल भुन ॥


जीवों का कलरव जो दिन भर सुनने में मेरे आवे ।

तेरा ही गुनमान जान मन प्रमुदित हो अति सुख पावे ॥


तू ही है सर्वत्र व्याप्त हरि ! तुझमें यह सारा संसार ।

इसी भावना से अन्तर भर मिलूं सभी से तुझे निहार ॥


प्रतिपल निज इन्द्रिय समूह से जो कुछ भी आचार करूं ।

केवल तुझे रिझाने, को बस तेरा ही व्यवहार करूं ॥


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ब्रज होली की पौराणिक कथा

होली का नाम सुनते ही हमारे मन में रंगों की खुशबू, उत्साह और व्यंजनों की खुशबू बस जाती है। यह भारत के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, लेकिन इसकी उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। हालांकि, होली से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं।

नारायण कवच (Narayana Kavach)

ॐ हरिर्विदध्यान्मम सर्वरक्षां न्यस्ताङ्घ्रिपद्मः पतगेन्द्रपृष्ठे।

पहली मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 2025

सनातन हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए मासिक कृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही खास और पवित्र पर्व माना जाता है। यह दिन जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।

नमामि-नमामि अवध के दुलारे(Namami Namami Awadh Ke Dulare)

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।
खड़ा हाथ बांधे मैं दर पर तुम्हारे ॥

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