कर प्रणाम तेरे चरणों में - प्रार्थना (Kar Pranam Tere Charno Me: Morning Prarthana)

प्रातःकाल की प्रार्थना

कर प्रणाम तेरे चरणों में लगता हूं अब तेरे काज ।

पालन करने को आज्ञा तब मैं नियुक्त होता हूं आज ॥


अन्तर में स्थित रह मेरी बागडोर पकड़े रहना ।

निपट निरंकुश चंचल मन को सावधान करते रहना ॥


अन्तर्यामी को अन्तः स्थित देख सशंकित होवे मन ।

पाप वासना उठते ही हो, नाश लाज से वह जल भुन ॥


जीवों का कलरव जो दिन भर सुनने में मेरे आवे ।

तेरा ही गुनमान जान मन प्रमुदित हो अति सुख पावे ॥


तू ही है सर्वत्र व्याप्त हरि ! तुझमें यह सारा संसार ।

इसी भावना से अन्तर भर मिलूं सभी से तुझे निहार ॥


प्रतिपल निज इन्द्रिय समूह से जो कुछ भी आचार करूं ।

केवल तुझे रिझाने, को बस तेरा ही व्यवहार करूं ॥


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कुलदेवी की पूजा, जो करता है दिन रात (Kuldevi Ki Puja Jo Karta Hai Din Raat)

कुलदेवी की पूजा,
जो करता है दिन रात,

दुर्गा पूजा पुष्पांजली

प्रथम पुष्पांजली मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥ Pratham Puspanjali Mantra
om jayanti, mangla, kali, bhadrakali, kapalini .
durga, shiva, kshama, dhatri, svahaa, svadha namo̕stu te॥
esh sachandan gandh pusp bilva patranjali om hrim durgaye namah॥

झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी (Jjhulan Chalo Hindolana Vrashbhanu Nandni)

झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी,
झूलन चलो हिडोलना, वृषभान नंदनी।

राम दरबार है जग सारा (Ram Darbar Hai Jag Sara)

राम दरबार है जग सारा,
राम ही तीनो लोक के राजा,

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