लहर लहर लहरा गई रे, मेरी माँ की चुनरियाँ, माँ की चुनरियाँ(Lehar Lehar Lehra Gayi Re Meri Maa Ki Chunariya)

लहर लहर लहरा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

माँ की चुनरियाँ,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया बरसाने को पहुंची,

उड़के चुनरिया बरसाने में पहुंची,

राधा जी के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया अयोध्या को पहुंची,

उड़के चुनरिया अयोध्या में पहुंची,

सिता जी के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया हरिधाम को पहुंची,

उड़के चुनरिया हरिधाम में पहुंची,

लक्ष्मी जी के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया कैलाश को पहुंची,

उड़के चुनरिया कैलाश में पहुंची,

गौरा जी के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया मेवाड़ को पहुंची,

उड़के चुनरिया मेवाड़ में पहुंची,

मीरा जी के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


उड़के चुनरिया कीर्तन में पहुंची,

उड़के चुनरिया कीर्तन में पहुंची,

भक्तों के मन को भा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥


लहर लहर लहरा गई रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

माँ की चुनरियाँ,

मेरी माँ की चुनरियाँ,

लहर लहर लहरा गयी रे,

मेरी माँ की चुनरियाँ ॥

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मेरी विनती सुनो हनुमान, शरण तेरी आया हूँ (Meri Vinti Suno Hanuman Sharan Teri Aaya Hun)

मेरी विनती सुनो हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ,

श्री शिवमहिम्न स्तोत्रम्

महिम्नः पारन्ते परमविदुषो यद्यसदृशी।
स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि तदवसन्नास्त्वयि गिरः॥

कदम कदम पर रक्षा करता (Kadam Kadam Par Raksha Karta)

कदम कदम पर रक्षा करता,
घर घर करे उजाला उजाला,

रंग पंचमी का महत्व और मुहूर्त

रंग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जिसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।

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