राम जन्मभूमि पर जाकर, जीत के दीप जलाएंगे (Ram Janmabhoomi Par Jakar Jeet Ke Deep Jalayenge)

राम जन्मभूमि पर जाकर,

जीत के दीप जलाएंगे,

कलयुग के रावण अब भय से,

अपनी खैर मनाएंगे ॥


राम अयोध्या जब लौटे,

जले थे दीपक घर घर में,

सियाराम के जयकारे भी,

गूंज उठे थे अम्बर में,

जाके अयोध्या दिवाली में,

फुलझड़िया हम जलाएंगे,

कलयुग के रावण अब भय से,

अपनी खैर मनाएंगे ॥


देश के कोने कोने से जब,

भक्तो की टोली आएगी,

उनकी भक्ति की शक्ति से,

ये दुनिया अब थर्राएगी,

जय श्री राम का झंडा अब तो,

हर घर में लहराएगा,

कलयुग के रावण अब भय से,

अपनी खैर मनाएंगे ॥


राम जन्मभूमि पर जाकर,

जीत के दीप जलाएंगे,

कलयुग के रावण अब भय से,

अपनी खैर मनाएंगे ॥

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सूरत बड़ी है प्यारी माँ की (Surat Badi Hain Pyari Maa Ki)

सूरत बड़ी है प्यारी माँ की,
मूरत की क्या बात है,

शक्ति दे मां शक्ति दे मां (Shakti De Maa Shakti De Maa)

पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे।
शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥

नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि

नवरात्रि माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं—चैत्र, आषाढ़, माघ और शारदीय नवरात्र।

रुक्मिणी अष्टमी के दिन करें ये उपाय

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। जो इस साल 22 दिसंबर को मनाया जा रहा है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्म की याद में मनाया जाता है।

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