छोटी-छोटी कन्याएं(Maa Choti Choti Kanyaen)

देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


हल वो सवाल करें,

सबको निहाल करें ।

बांटे रे सच्चा प्यार माँ,

छोटी छोटी कन्याएं ॥


देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


मुख मंडल का तेज न्यारा,

कहते हैं वो रूप तुम्हारा ।

प्यारी प्यारी भोली भाली,

बातें करती बहुत निराली ।

बड़ी दयावान है वो,

देती वरदान है वो ।

बेड़े लगाती पार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कंजकाऐं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कंजकाऐं ॥


जो जन उनका करें अनादर,

दुख से भटके वो तो दर दर ।

चरण छुएगें जो भी मन से,

सुखी रहेंगे सुख के धन से ।

मीठी मीठी बातों से,

प्यारी करामातों से ।

देती है कार्य संवार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


हस के वह थपकी जिसको देती,

सारे संकट हर वो लेती ।

तेरी तरह ही से महामाया,

कोई ना जाने उनकी माया ।

नाम के दीवानों के,

जोगी मस्तानो के ।

सपने करें साकार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥


देखी तेरे दरबार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ।

लीला करें अपार माँ,

छोटी-छोटी कन्याएं ॥

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