मन तड़पत हरि दर्शन को आज(Mann Tarpat Hari Darshan Ko Aaj)

मन तड़पत हरि दर्शन को आज

मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज

विनती करत हूँ रखियो लाज

॥ मन तड़पत हरि...॥


तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी

हमरी ओर नज़र कब होगी

सुन मोरे व्याकुल मन का बात

॥ मन तड़पत हरि...॥


बिन गुरू ज्ञान कहाँ से पाऊँ

दीजो दान हरी गुन गाऊँ

सब गुनी जन पे तुम्हारा राज

॥ मन तड़पत हरि...॥


मुरली मनोहर आस न तोड़ो

दुख भंजन मोरा साथ न छोड़ो

मोहे दरसन भिक्षा दे दो आज, दे दो आज

॥ मन तड़पत हरि...॥


मन तड़पत हरि दर्शन को आज

मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज

विनती करत हूँ रखियो लाज

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सुबह सुबह हे भोले (Subha Subha Hey Bhole)

सुबह सुबह हे भोले करते हैं तेरी पूजा,
तेरे सिवा हुआ है ना होगा कोई दूजा ।

गोवर्धन पूजा विधि

गोवर्धन पूजा का त्योहार दिवाली के बाद मनाया जाता है। यह पर्व उस ऐतिहासिक अवसर की याद दिलाता है जब भगवान कृष्ण ने अपने भक्तों को प्रकृति के प्रकोप से बचाने के लिए इंद्र के अहंकार को कुचल दिया था।

हमने आँगन नहीं बुहारा (Hamne Aangan Nahi Buhara, Kaise Ayenge Bhagwan)

हमने आँगन नहीं बुहारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ।

दिल में श्री राम बसे हैं, संग माता जानकी(Dil Mein Shree Ram Base Hai Sang Mata Janki)

दिल में श्री राम बसे हैं,
संग माता जानकी,

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