मन तड़पत हरि दर्शन को आज(Mann Tarpat Hari Darshan Ko Aaj)

मन तड़पत हरि दर्शन को आज

मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज

विनती करत हूँ रखियो लाज

॥ मन तड़पत हरि...॥


तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी

हमरी ओर नज़र कब होगी

सुन मोरे व्याकुल मन का बात

॥ मन तड़पत हरि...॥


बिन गुरू ज्ञान कहाँ से पाऊँ

दीजो दान हरी गुन गाऊँ

सब गुनी जन पे तुम्हारा राज

॥ मन तड़पत हरि...॥


मुरली मनोहर आस न तोड़ो

दुख भंजन मोरा साथ न छोड़ो

मोहे दरसन भिक्षा दे दो आज, दे दो आज

॥ मन तड़पत हरि...॥


मन तड़पत हरि दर्शन को आज

मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज

विनती करत हूँ रखियो लाज

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मैं तो बन के दुल्हन आज सजी: भजन (Main To Banke Dulhan Aaj Saji)

श्यामा आन बसो वृंदावन में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में,

कहत हनुमान जय श्री राम (Kahat Hanuman Jai Shri Ram)

श्री राम जय राम
जय जय राम

बम बम भोला, पहना सन्यासी चोला (Bam Bam Bhola Pahna Sanyasi Chola)

बम बम बम बम बम भोला,
पहना सन्यासी चोला,

मासिक दुर्गा अष्टमी के शुभ योग

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल मासिक दुर्गा अष्टमी का पहला व्रत 07 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।

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