हर कदम पे तुम्हे होगा आभास सांवरे का (Har Kadam Pe Tumhe Hoga Aabhash Saware Ka)

हर कदम पे तुम्हे होगा,

आभास सांवरे का,

चाहे कुछ भी हो ना डगमग हो,

विश्वास सांवरे का,

हर कदम पे तुम्हें होगा,

आभास सांवरे का ॥


दुनिया से आँखें बंद करके,

मन की आँखों को खोल ज़रा,

बेमतलब की बातें छोड़ो,

जय बाबा की तू बोल ज़रा,

दिल के अंदर तुम्हे होगा,

एहसास सांवरे का,

हर कदम पे तुम्हें होगा,

आभास सांवरे का ॥


चलकर के देखो तुम एक बार,

मेरे साँवलिये की राहों में,

गिरने के पहले थामेगा,

ये आकर अपनी बाँहों में,

तेरे मन में ही मिलेगा,

तुम्हे वास सांवरे का,

हर कदम पे तुम्हें होगा,

आभास सांवरे का ॥


‘सूरज’ कुछ ऐसा काम करो,

सांवरिया हो तुमसे राजी,

हारे को जो अपनाओगे,

जीतोगे फिर तुम हर बाजी,

बन जायेगा फिर तू,

बड़ा ख़ास सांवरे का,

हर कदम पे तुम्हें होगा,

आभास सांवरे का ॥


हर कदम पे तुम्हे होगा,

आभास सांवरे का,

चाहे कुछ भी हो ना डगमग हो,

विश्वास सांवरे का,

हर कदम पे तुम्हें होगा,

आभास सांवरे का ॥

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