राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा(Radhe Jhulan Padharo Jhuk Aaye Badra)

राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

साजो सकल श्रृंगार नैना सारो कजरा ॥


ऐसो मान ना कीजे हठ तजिए अली,

ऐसो मान ना कीजे हठ तजिए अली,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


तू तो परम सयानी हो वृषभान की लली,

तू तो परम सयानी हो वृषभान की लली,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


तेरो रसिक प्रीतम मग जोवत खड़ो,

तेरो रसिक प्रीतम मग जोवत खड़ो,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


राधे दोऊ कर जोड़े तेरे चरण पड्यो,

राधे दोऊ कर जोड़े तेरे चरण पड्यो,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

प्यारी झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

साजो सकल श्रृंगार नैना सारो कजरा ॥


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चंद्र दर्शन शुभ मुहूर्त 2025

चंद्र दर्शन हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो अमावस्या के बाद पहली बार चंद्रमा के दर्शन से जुड़ा हुआ है। इस दिन चंद्रदेव की पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे मन की शांति, सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

श्री रामदेव चालीसा (Shri Ramdev Chalisa)

जय जय जय प्रभु रामदे, नमो नमो हरबार।
लाज रखो तुम नन्द की, हरो पाप का भार।

भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना(Bhagwan Meri Naiya Us Par Gaga Dena)

भगवान मेरी नैया,
उस पार लगा देना,

कब है रुक्मिणी अष्टमी?

हिंदू धर्म में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी पर ही द्वापर युग में विदर्भ के महाराज भीष्मक के यहां देवी रुक्मिणी जन्मी थीं।

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