महाकाल की लगन: शिव (Mahakal Ki Lagan)

मोहे लागी रे लगन महाकाल की लगन,

तुम्हारे नाम से किस्मत मेरी सजा लू मैं,

तुम्हारे चरणों को ही अपना घर बना लू मैं,

मुझे कर गई मगन,

महाकाल की लगन ॥


मेरी लगन सहारा बन मुझे संभालेगी ,

मेरी बलाए मेरे दुख लगन ही टालेगी ,

मेरी लगन मेरी भक्ति का ये सिला देगी,

मेरे महाकाल से मुझको भी ये मिला देगी ,

दे गई दीवानापन,

महाकाल की लगन,

मोहे लागी रे लगन ॥


आता हूं दर तेरे पल भर के लिए ,

थोड़ा अपने लिए थोड़ा घर के लिए ,

अपनी किस्मत पर तेरी नजर के लिए ,

सामने तेरे दुनिया को भूल जाऊ में,

तेरा हो जाता हु उम्र भर के लिए ,

बदल गया ये जीवन,

महाकाल की लगन,

मोहे लागी रे लगन ॥


मैं धूल बनके तेरी राह में बिखर जाऊं ,

मैं फूल बनके तेरी राह में बिखर जाऊं,

रहू मैं पास तेरे भक्ति ऐसी कर जाऊं,

तेरे चरणों से लगके भोले मैं भी तर जाऊं,

भक्तिमय करे है मन,

महाकाल की लगन,

मोहे लागी रे लगन ॥

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लाल लंगोटे वाले वीर हनुमान है (Lal Langote Wale Veer Hanuman Hai)

लाल लंगोटे वाले वीर हनुमान है,
हनुमान गढ़ी में बैठे,

रघुपति राघव राजाराम(Raghupati Raghav Raja Ram)

रघुपति राघव राजाराम
पतित पावन सीताराम ॥

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वैशाख शुक्ल पक्ष की मोहिनी नामक एकादशी (Vaishaakh Shukl Paksh Kee Mohinee Naamak Ekaadashee)

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