महाकाल की लगन: शिव (Mahakal Ki Lagan)

मोहे लागी रे लगन महाकाल की लगन,

तुम्हारे नाम से किस्मत मेरी सजा लू मैं,

तुम्हारे चरणों को ही अपना घर बना लू मैं,

मुझे कर गई मगन,

महाकाल की लगन ॥


मेरी लगन सहारा बन मुझे संभालेगी ,

मेरी बलाए मेरे दुख लगन ही टालेगी ,

मेरी लगन मेरी भक्ति का ये सिला देगी,

मेरे महाकाल से मुझको भी ये मिला देगी ,

दे गई दीवानापन,

महाकाल की लगन,

मोहे लागी रे लगन ॥


आता हूं दर तेरे पल भर के लिए ,

थोड़ा अपने लिए थोड़ा घर के लिए ,

अपनी किस्मत पर तेरी नजर के लिए ,

सामने तेरे दुनिया को भूल जाऊ में,

तेरा हो जाता हु उम्र भर के लिए ,

बदल गया ये जीवन,

महाकाल की लगन,

मोहे लागी रे लगन ॥


मैं धूल बनके तेरी राह में बिखर जाऊं ,

मैं फूल बनके तेरी राह में बिखर जाऊं,

रहू मैं पास तेरे भक्ति ऐसी कर जाऊं,

तेरे चरणों से लगके भोले मैं भी तर जाऊं,

भक्तिमय करे है मन,

महाकाल की लगन,

मोहे लागी रे लगन ॥

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मंत्र जाप की सही विधि

हिंदू धर्म में मंत्र जाप का विशेष महत्व है। यह साधना का एक सशक्त माध्यम है, जो साधक को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

क्या है वैदिक मंत्र?

दिक मंत्र सदियों से सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म का अभिन्न हिस्सा रहा हैं। ये मंत्र प्राचीन वैदिक साहित्य से उत्पन्न हुए हैं और इनका उल्लेख वेदों, उपनिषदों और अन्य धर्मग्रंथों में भी मिलता है।

प्रदोष व्रत के फायदे

प्रदोष व्रत त्रयोदशी के दिन रखा जाता है। इसलिए, इसे त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। प्रत्येक महीने में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है।

गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि

सनातन धर्म में गुरु ही हमें सही और गलत की समझ देते हैं और अच्छे-बुरे का अंतर सिखाते हैं। गुरुओं की महत्ता हमारी संस्कृति में सदियों से रही है। यहां तक कि गुरु को भगवान से भी ऊँचा दर्जा प्राप्त है।

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