महाकाल की शरण मे (Mahakal Ki Sharan Mein)

सबको मिला सहारा,

महाकाल की शरण में,

है काल भी तो हारा,

महाकाल की शरण मे,

सबको मिला सहारा,

महाकाल की शरण मे ॥


हो वक्त चाहे कैसा,

तुम हार नहीं जाना,

उज्जैन जाके दुख तुम,

महाकाल को सुनाना,

झुकता जहान सारा,

महाकाल की शरण मे,

सबको मिला सहारा,

महाकाल की शरण मे ॥


है मौत शिव की दासी,

भूत प्रेत शिव के चाकर,

चलता समय का पहिया,

आदेश शिव का पाकर,

किस्मत का चमके तारा,

महाकाल की शरण मे,

सबको मिला सहारा,

महाकाल की शरण मे ॥


शिप्रा के तट पर बैठे,

महाकाल मेरे राजा,

जीवन का सुख मिलेगा,

उज्जैन नगरी आजा,

रोशन शहर है जहां सारा,

महाकाल की शरण मे,

सबको मिला सहारा,

महाकाल की शरण मे ॥


है रूप जोगी वाला,

उनकी अजब है माया,

भक्तों का साथ शिव ने,

हर युग में है निभाया,

‘मंत्री’ को है सहारा,

महाकाल की शरण मे,

सबको मिला सहारा,

महाकाल की शरण मे ॥


सबको मिला सहारा,

महाकाल की शरण में,

है काल भी तो हारा,

महाकाल की शरण मे,

सबको मिला सहारा,

महाकाल की शरण मे ॥

........................................................................................................
मासिक दुर्गाष्टमी उपाय

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है।

मेरी ज़िन्दगी सवर जाए (Meri Zindagi Sanwar Jaye)

मेरी ज़िन्दगी सवर जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ,

विष्णुशयनी एकादशी एवं चातुर्मास व्रत (Vishnushayanee Ekaadashee Evan Chaaturmaas Vrat)

इस एकादशी का नाम विष्णुशयनी भी है। इसी दिन विष्णुजी का व्रत एवं चातुर्मास्य व्रत प्रारम्भ करना विष्णु पुराण से प्रकट होता है।

गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय(Govind Jai Jai, Gopal Jai Jai)

गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय
राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय ॥ १ ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने