मैया तेरे चरणों की (Maiya Tere Charno Ki )

मैया तेरे चरणों की,

अम्बे तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


सुनते है तेरी रहमत,

दिन रात बरसती है,

इक बूंद दया की जो,

इक बूंद दया की जो,

मुझ पे भी बरस जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


जीवन के भवर में माँ,

इस तरह से उलझी हूँ,

तू हाथ बढ़ा दे तो,

तू हाथ बढ़ा दे तो,

भव सागर तर जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


इस मानव जीवन की,

बस एक तमन्ना है,

तू सामने हो मेरे,

तू सामने हो मेरे,

बस दम ये निकल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


मैया तेरे चरणों की,

अम्बे तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥

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सज रही मेरी अम्बे मैया - माता भजन (Saj Rahi Meri Ambe Maiya Sunahare Gote Mein)

सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में ।
सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में,

कार्तिक पूर्णिमा: पूजा विधि

भारत में कार्तिक पूर्णिमा एक प्रमुख पर्व के रूप में मनाई जाती है। इस दिन लोग बड़ी संख्या में गंगा तट पर पहुंचकर स्नान करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

बाल गोपाला, प्यारे मुरारी मोरे नन्द लाला (Baal Gopala, Pyare Murari More Nandlala)

बाल गोपाला, बाल गोपाला,
प्यारे मुरारी मोरे नन्द लाला ।

शीतला अष्टमी पर बासी भोजन का महत्व

शीतला अष्टमी, जिसे बसोड़ा भी कहा जाता है, होली के सात दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग अर्पित किया जाता है।

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