मैं तो तेरी हो गई श्याम: भजन (Me Too Teri Hogai Shayam, Dunyan Kya Jane)

मैं तो तेरी हो गई श्याम,

दुनिया क्या जाने,

क्या जाने कोई क्या जाने,


क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


तन भी तेरा ये मन भी तेरा,

घर भी तेरा ये धन भी तेरा,

मैंने जीवन कर दिया नाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


लोक लाज मैंने मान भी छोड़ा,

तेरे चरणों में मन को जोड़ा,

मैं तो रटूं तुम्हारा नाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


तू मेरा मैं तेरी होई,

तेरी प्रीत में सुध बुध खोई,

मुझे लोग करे बदनाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


शरण में आई गले लगाले,

मुझको बस सेवा में लगाले,

मेरा जीवन तेरे नाम,

दुनिया क्या जाने,


मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ।

क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥


मैं तो तेरी हो गई श्याम,

दुनिया क्या जाने,

क्या जाने कोई क्या जाने,


क्या जाने कोई क्या जाने,

मैं तो तेरी हो गयी श्याम,

दुनिया क्या जाने ॥

........................................................................................................
स्कंद षष्ठी पारण विधि

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। स्कंद देव यानी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाती हैं।

मसान होली की पौराणिक कथा

मसान होली दो दिवसीय त्योहार माना जाता है। मसान होली चिता की राख और गुलाल से खेली जाती है। काशी के मणिकर्णिका घाट पर साधु-संत इकट्ठा होकर शिव भजन गाते हैं और नाच-गाकर जीवन-मरण का जश्न मनाते हैं और साथ ही श्मशान की राख को एक-दूसरे पर मलते हैं और हवा में उड़ाते हैं। इस दौरान पूरी काशी शिवमय हो जाती है और हर तरफ हर-हर महादेव का नाद सुनाई देता है।

मेरी मैया चली, असुवन धारा बही(Meri Maiya Chali Ashuvan Dhara Bahi)

मेरी मैया चली,
असुवन धारा बही,

प्रबल प्रेम के पाले पड़ के (Prem Ke Pale Prabhu Ko Niyam Badalte Dekha)

प्रबल प्रेम के पाले पड़ के,
प्रभु का नियम बदलते देखा ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।