ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ(Le Chal Apni Nagariya, Avadh Bihari Sanvariya)

ले चल अपनी नागरिया,

अवध बिहारी साँवरियाँ ।

अवध बिहारी सांवरिया,

लें चल अपनी नागरिया ।

ले चल अपनी नागरिया,

अवध बिहारी साँवरियाँ ॥


सरयू के तीर अयोध्या नगरी,

सरयू के तीर अयोध्या नगरी,

संत भरे जहाँ गागरिया,

संत भरे जहाँ गागरिया ,

अवध बिहारी सांवरिया,

लें चल अपनी नागरिया,

ले चल अपनी नागरिया,

अवध बिहारी साँवरियाँ ॥


कनक भवन सिया रघुवर राजे,

कनक भवन सिया रघुवर राजे,

देख भई मैं बावरिया,

देख भई मैं बावरिया,

अवध बिहारी सांवरिया,

लें चल अपनी नागरिया,

ले चल अपनी नागरिया,

अवध बिहारी साँवरियाँ ॥


ले चल अपनी नागरिया,

अवध बिहारी साँवरियाँ,

अवध बिहारी सांवरिया,

लें चल अपनी नागरिया,

ले चल अपनी नागरिया,

अवध बिहारी साँवरियाँ ॥


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अयोध्या सज रही सारी, अवध में राम आये है (Ayodhya Saj Rahi Saari, Awadh Me Ram Aaye Hai)

खुशी सबको मिली भारी,
अवध में राम आये है,

बैल की सवारी करे डमरू बजाये (Bail Ki Sawari Kare Damroo Bajaye)

बैल की सवारी करे डमरू बजाये
जग के ताप हरे सुख बरसाये

समुद्र मंथन और धनवंतरी की कहानी: धनतेरस व्रत कथा (Samudra Manthan aur Dhanvantari ki kahani)

प्राचीन कल की बात हैं दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण सभी देवता भगवान विष्णु के साथ शक्तिहीन हो गए थे और साथ ही असुरो की शक्ति भी बढ़ गई थी।

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