मेरे बालाजी महाराज, जयकारा गूंजे गली गली (Mere Balaji Maharaj Jaikara Gunje Gali Gali)

मेरे बालाजी महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली,

जयकारा गूंजे गली गली,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥


दरबार लगे प्यारा प्यारा,

तू है भक्तो का रखवाला,

तेरे चरणों में संसार,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥


घट घट वासी अंतर्यामी,

बलवीर सकल जग के स्वामी,

श्री राम के पहरेदार,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥


जब नाम कान से सुन पावे,

नहीं भूत पिशाच निकट आवे,

दे दे सोटो की मार,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥


तुम ज्ञान वान बलधारी हो,

सदा दीन दुखी हितकारी हो,

शिव शंकर के अवतार,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥


मेरे बालाजी महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली,

जयकारा गूंजे गली गली,

जयकारा गूंजे गली गली,

मेरे बालाजीं महाराज,

जयकारा गूंजे गली गली ॥

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गोविंद चले चरावन धेनु(Govind Chale Charaavan Dhenu)

गोविंद चले चरावन धेनु
गृह गृह तें लरिका सब टेरे

श्री प्रेतराज चालीसा (Shree Pretraj Chalisa)

गणपति की कर वंदना, गुरू चरनन चितलाये।
प्रेतराज जी का लिखूं, चालीसा हरषाय।

ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार (Na Mann Hun Na Buddhi Na Chit Ahankar)

ना मन हूँ, ना बुद्धि, ना चित अहंकार
ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार

जया एकादशी व्रत नियम

प्रत्येक महीने में एकादशी दो बार आती है—एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। कृष्ण पक्ष की एकादशी पूर्णिमा के बाद आती है, जबकि शुक्ल पक्ष की एकादशी अमावस्या के बाद आती है।

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