मेरे राम इतनी किरपा करना, बीते जीवन तेरे चरणों में(Mere Ram Itni Kripa Karna Beete Jeevan Tere Charno Me)

मेरे राम इतनी किरपा करना,

बीते जीवन तेरे चरणों में ॥


मेरे राम मेरे घर आ जाना,

शबरी के बेर तुम खा जाना,

मुझे दर्शन अपने दिखा जाना,

मुझे मुक्ति मिले अपने कर्मो से,

मेरे राम इतनी कीरपा करना,

बीते जीवन तेरे चरणों में ॥


जब जनम लूँ मैं तेरी दासी बनु,

तेरी सेवा करूँ सन्यासी बनु,

हर जनम में मैं तेरी पूजा करूँ,

ना करना विमुख मेरे धर्मो से,

मेरे राम इतनी कीरपा करना,

बीते जीवन तेरे चरणों में ॥


बस इतनी हमपे दया करना,

नाम तेरा भजे मेरा मनवा,

नहीं दूर कभी हो तेरी सूरत,

प्रभु आन बसों मेरे नयनो में,

मेरे राम इतनी कीरपा करना,

बीते जीवन तेरे चरणों में ॥


भटके जब जीवन की नैया,

प्रभु पार लगाना बनके खिवैया,

जब दिखे ना कही मुझे उजियारा,

ले लेना अपने चरणों में,

मेरे राम इतनी कीरपा करना,

बीते जीवन तेरे चरणों में॥


मेरे राम इतनी किरपा करना,

बीते जीवन तेरे चरणों में ॥

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गुरुवायुर एकादशी मंदिर की पौराणिक कथा

"दक्षिण का स्वर्ग" कहे जाने वाले अतिसुन्दर राज्य केरल में गुरुवायुर एकादशी का पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व गुरुवायुर कृष्ण मंदिर में विशेष रूप से मनाया जाता है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।

Heri Sakhi Mangal Gavo Ri..(हेरी सखी मंगल गावो री..)

चोख पुरावो, माटी रंगावो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे

हे गणपति हे गणराज, आपका अभिनन्दन (Hey Ganpati Hey Ganraj Aapka Abhinandan)

हे गणपति हे गणराज,
आपका अभिनन्दन,

श्री सरस्वती स्तोत्रम् (Shri Saraswati Stotram)

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।

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