मुझे राधे-राधे कहना सिखादे (Mujhe Radhe Radhe Kahana Shikhade)

मुझे राधे राधे कहना सिखा दे

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े,

क्या बिगड़े तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखा दे

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े।


वृंदावन जाऊँ तेरे गुण गाऊं,

चरणों की धूलि को माथे से लगाऊँ,

मेरी वृन्दावन कोठी बणा दे,

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े।


जमुना तट जाऊँ वहां नहीं पाऊँ,

बंसीवट जाऊँ वहां नहीं पाऊँ,

अपने मिलने का ठिकाना बता दे,

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े।


अपनी शरण में ले ले मोहन,

अपने ही रंग में रंग ले मोहन,

अपनी गऊओ का ग्वाला बना ले,

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े।


मन मन्दिर में ज्योत जगाऊँ,

आठों पहर तेरे नाम को सिमरूं,

अपने नाम का दीवाना बना दे

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े।

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गुप्त नवरात्रि 12 राशियों पर प्रभाव

साल में आने वाली चारों नवरात्रि का सनातन धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है। 30 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। जिसका समापन अगले महीने 7 फरवरी 2025 को होगा।

कब है रुक्मिणी अष्टमी?

हिंदू धर्म में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी पर ही द्वापर युग में विदर्भ के महाराज भीष्मक के यहां देवी रुक्मिणी जन्मी थीं।

जिसको राम नाम रटना पसन्द है (Jisko Ram Naam Ratna Pasand Hai)

जिसको राम नाम रटना पसन्द है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥

वो है जग से बेमिसाल सखी

कोई कमी नही है, दर मैय्या के जाके देख।
देगी तुझे दर्शन मैय्या, तू सर को झुका के देख।

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