मुखड़ा देख ले प्राणी, जरा दर्पण में (Mukhda Dekh Le Prani, Jara Darpan Main)

मुखड़ा देख ले प्राणी,

जरा दर्पण में हो,

देख ले कितना,

पुण्य है कितना,

पाप तेरे जीवन में,

देख ले दर्पण में,

मुखडा देख ले प्राणी,

जरा दर्पण में ॥


कभी तो पल भर सोच ले प्राणी,

क्या है तेरी करम कहानी ।

कभी तो पल भर सोच ले प्राणी,

क्या है तेरी करम कहानी ।


पता लगा ले,

पता लगा ले पड़े हैं कितने,

दाग तेरे दामन में

देख ले दर्पण में,

मुखडा देख ले प्राणी,

जरा दर्पण में ॥


खुद को धोखा दे मत बन्दे,

अच्छे ना होते कपट के धंधे ।

खुद को धोखा दे मत बन्दे,

अच्छे ना होते कपट के धंधे ।


सदा न चलता,

सदा न चलता किसी का नाटक,

दुनिया के आँगन में,

देख ले दर्पण में,

मुखडा देख ले प्राणी,

जरा दर्पण में ॥


मुखड़ा देख ले प्राणी,

जरा दर्पण में हो,

देख ले कितना,

पुण्य है कितना,

पाप तेरे जीवन में,

देख ले दर्पण में,

मुखडा देख ले प्राणी,

जरा दर्पण में ॥


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वादा कर ले भोलेनाथ, छोड़ोगे ना हाथ (Wada Kar Le Bholenath Chodoge Na Hath)

वादा कर ले भोलेनाथ,
छोड़ोगे ना हाथ,

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प‌द्मा एकादशी (Aashaadh Shukla Paksh Ki Padma Ekaadashi)

युधिष्ठिर ने कहा-हे भगवन् ! आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का क्या नाम और क्या माहात्म्य है और उस दिन किस देवता की पूजा किस विधि से करनी चाहिए? कृपया यह बतलाइये।

आता रहा है सांवरा, आता ही रहेगा (Aata Raha Hai Sanwara, Aata Hi Rahega)

आता रहा है सांवरा,
आता ही रहेगा,

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ (Kailash Ke Nivasi Namo Bar Bar Hoon)

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ,
आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,

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