नगर मे जोगी आया यशोदा के घर आया(Nagar Mein Jogi Aaya Yashoda Ke Ghar Aaya )

नगर मे जोगी आया,

भेद कोई समझ ना पाया।

​ऊँचे ऊँचे मंदिर तेरे,

ऊँचा है तेरा धाम,

हे कैलाश के वासी भोले,

हम करते है तुझे प्रणाम ॥


नगर मे जोगी आया,

भेद कोई समझ ना पाया,

अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया,

यशोदा के घर आया,

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥


अंग विभूति गले रूँड माला,

शेषनाग लिप्टायो,

बाँको तिलक भाल चंद्रमा,

घर घर अलख जगायो,

नगर में जोगी आया,

भेद कोई समझ ना पाया।

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥


ले भिक्षा निकली नंदरानी,

कंचन थाल जडायो,

दो भिक्षा जोगी आसन जायों,

बालक मेरो डरायो,

नगर मे जोगी आया,

भेद कोई समझ ना पाया।

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥


ना चाहिए तेरी दौलत दुनिया,

ना ही कंचन माया,

अपने लाला का दरश करा दे,

मै दर्शन को आया,

नगर में जोगी आया,

भेद कोई समझ ना पाया।

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥


पाँच वार परिक्रमा करके,

सुन्डि नाद बजायौ,

सूरदास बलिहारी कन्हैया की,

जुग जुग जिये तेरो लालों,

नगर में जोगी आया,

भेद कोई समझ ना पाया।

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥


नगर मे जोगी आया,

भेद कोई समझ ना पाया,

अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया,

यशोदा के घर आया,

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥

........................................................................................................
अन्नपूर्णा जयंती पर क्या दान करें

सनातन धर्म में अन्नपूर्णा जयंती का दिन मां अन्नपूर्णा को समर्पित किया है। अन्नपूर्णा जयंती के दिन दान का भी बहुत महत्व होता है। इस दिन दान करना बेहद ही शुभ माना गया है। इस दिन दान पुण्य करने की मान्यता है।

बजरंग बाण (Bajrang Baan)

निश्चय प्रेम प्रतीति ते,
बिनय करैं सनमान ।

भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए (Bheja Hai Bulava Tune Shera Waliye)

भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,

छठ पूजा: कांच ही बांस के बहंगिया (Chhath Puja: Kanch Hi Bans Ke Bahangiya)

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने