फूलो से अंगना सजाउंगी (Phoolon Se Angana Sajaungi)

फूलो से अंगना सजाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


चन्दन चौकी बिछाऊ

माँ का आसन सजाउं

मै तो माँ को उस पे बिठाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


फूलो से अंगना सजाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


मंगल कलश सजाऊ

गंगा जल भर लाऊ

मै तो माँ के चरण धुलाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


फूलो से अंगना सजाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


केसर रोली लेकर आऊ मै

घिस घिस चन्दन तिलक बनाऊ

मै तो माँ के तिलक लागाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


फूलो से अंगना सजाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


हलवा छोले बनाऊ

मै तो भोग लगाऊ

अपने हाथो से माँ को खिलाऊगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


फूलो से अंगना सजाउंगी

जब मैया मेरे घर आएंगी।


........................................................................................................
हरि नाम नहीं तो जीना क्या (Hari Nam Nahi Too Jeena Kya)

हरि नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरि नाम जगत में,

मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू क्यों खाते हैं

मकर संक्रांति, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है।

चलो चलिए माँ के धाम, मैया ने बुलाया है (Chalo Chaliye Maa Ke Dham Bulawa Aaya Hai)

चलो चलिए माँ के धाम,
मैया ने बुलाया है,

उठ जाग मुसाफिर भोर भई (Bhajan: Uth Jag Musafir Bhor Bhai)

उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने