प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा (Preet Main Puje Naam Tumhara)

प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा,

गणपति जगत खिवैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


खजराना मे आन बिराजे,

ये मेरे गणराज रे,

रिद्धि सिद्धि के दाता देखो,

ये मेरे महराज रे,

तुम हि दिन बंधु दुख हरता,

तुम ही सर्व जगत के कर्ता,

आन विराजौ बिछी हुई है,

आशाओं की छैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


लेकर द्वार तुम्हारे आये,

ये फूलों की माला,

देखो हमको भूल ना जाना,

तु सबका रखवाला,

तुमहि दिन बंधु दुख हरता,

तुम ही सर्व जगत के कर्ता,

आन विराजौ बिछी हुई है,

आशाओं की छैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


भक्ति का ज्ञान देदे हमको,

शक्ति की इक्छा देदे,

नस नस मे हो प्रेम भावना,

ऐसी इच्छा दे दे,

तुमहि दिन बंधु दुख हरता,

तुम ही सर्व जगत के कर्ता,

आन विराजौ बिछी हुई है,

आशाओं की छैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥


प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा,

गणपति जगत खिवैया,

शिव नँदन अब आज हमारी,

पार लगाना नैय्या,

जय गौरी के लाला ॥

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भगवान राम और माता शबरी की भेंट

माता शबरी रामायण की एक महत्वपूर्ण पात्र हैं, जिन्होंने भगवान राम की भक्ति में अपना जीवन समर्पित किया था। शबरी ने भगवान राम और माता सीता की प्रतीक्षा में वर्षों तक वन में निवास किया था।

बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे (Bandha Tha Draupadi Ne Tumhe Char Taar Main)

बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,
चार तार में ।

मेरे सरकार का, दीदार बड़ा प्यारा है(Mere Sarkar Ka Didar Bada Pyara Hai)

मेरे सरकार का,
दीदार बड़ा प्यारा है ।

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु(Mann Mohan Murat Teri Prabhu)

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।

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