रखो हाथ ढाल तलवार मजबूती, जगदम्बा(Rakho Hath Dhal Talwar Majbuti Jagdamba)

रखो हाथ ढाल तलवार मुठ मजबूती,

मुठ मजबूती ए धरदे रे जगदम्बा,

राजपूतों में मजबूती,

ए धरदे रे जगदम्बा,

राजपूतों मे मजबूती ॥


ए ओ मै सबसे पहला मात भवानी,

थाने ध्यावु रे भवानी थाने ध्यावु ए,

जगदम्बा थाने ध्यावु ए,

कुंकुम रा प्याला जगदम्बा ने चढावु,

ए कुंकुम रा प्याला जगदम्बा ने चढावु ॥


ओ मै याद करू जद मात भवानी म्हारी,

आजा भवानी म्हारी आजा जगदम्बा म्हारी,

आजा सुता शेरो ने मात भवानी जगाजा,

सुतोडा शेरो ने मात भवानी जगाजा ॥


ए मुगलो री फौजा गढ रे मेवाड पर,

आयी मेवाड़ पर आयी मेवाड़ पर आयी,

गढ गिरवा लियो चितौड़ घटा ज्यु जाई,

गढ गिरवा लियो चितौड़ घटा ज्यु जाई,

ओ जद अकबर आयने,

गढ चितौड़ गिरवाया चितौड़ गिरवाया,

ए ज्यु जलती बलती आग सु नार बचाया,

ए ज्यु जलती बलती आग सु नार बचाया ॥


ओ जद हल्दीघाटी ओर संग्राम हुआ भारी,

संग्राम हुआ भारी संग्राम हुआ भारी,

ए बिजली ज्यु चमके तेज तलवार उस राणा की,

ए बिजली ज्यु चमके तेज तलवार राणा की,

उस महाराणा रो भलकतो भालो रे भलकतो भालो,

हल्दीघाटी मे घूम रयो मतवालो,

हल्दीघाटी मे घूम रयो मतवालो ॥


ओ कोई अमरसिंह रा राठौड़ नागौर का जाया,

नागौर का जाया रे नागौर का जाया,

ओ जद आगरा जीतने फौज फतेहगढ़ आया,

ओ जद आगरा जीतने फौज फतेहगढ़ आया ॥


दोहा:

चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण

ता ऊपर सुल्तान है, तो मत चूके चौहान


ओ कोई पृथ्वी राज ए चौहान खांडा खडकाया,

खांडा खडकाया ए खांडा खडकाया,

आँखीया सु अंधा फिर भी बाण चलाया,

आँखीया सु अंधा फिर भी बाण चलाया ॥


ओ कोई सब भगता री लाज रखी मम माई,

ओ हिन्गलाज माई ए तनोट माई,

ए भादरिया री माई ए करणल माई,

ए नागणेची माई ए जगदम्बा म्हारी माई,

कोई दान कैलाश माँ शरण मे आयी,

अरे कोई दान कैलाश माँ की शरण मे आयी ॥


रखो हाथ ढाल तलवार मुठ मजबूती,

मुठ मजबूती ए धरदे रे जगदम्बा,

राजपूतों में मजबूती,

ए धरदे रे जगदम्बा,

राजपूतों मे मजबूती ॥


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तमिल हनुमान जयंती कथा

तमिलनाडु में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान मनाई जाती है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, हनुमान जी शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं।

मेरे साथ रहना श्याम(Mere Sath Rehna Shyam)

बाबा देखो मेरी ओर,
मैं हूँ अति कमजोर,

तृष्णा ना जाए मन से - भजन (Trishna Na Jaye Man Se)

तृष्णा ना जाये मन से ॥

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