राम नाम सुखदाई, भजन करो भाई(Ram Naam Sukhdai Bhajan Karo Bhai Yeh Jeevan Do Din Ka)

राम नाम सुखदाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का

राम नाम सुखदाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


ये तन है जंगल की लकड़ी,

ये तन है जंगल की लकड़ी

आग लगे जल जाए,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


राम नाम सुखदाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


ये तन है कागज की पूडिया,

ये तन है कागज की पुडिया

हवा चले उड़ जाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


राम नाम सुखदाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


ये तन है माटी का ढेला,

ये तन है माटी का ढेला

बूँद पड़े गल जाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


राम नाम सुखदाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


ये तन है फूलो का बगीचा,

ये तन है फूलो का बगीचा

धूप पड़े मुरझाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


राम नाम सुखदाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


ये तन है कच्ची है हवेली,

ये तन है कच्ची है हवेली

पल मे टूट जाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


राम नाम सुखदाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


ये तन है सपनो की माया,

ये तन है सपनो की माया

आँख खुले कुछ नाही,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


राम नाम सुखदाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का


राम नाम सुखदाई,

भजन करो भाई

ये जीवन दो दिन का

........................................................................................................
प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा (Preet Main Puje Naam Tumhara)

प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा,
गणपति जगत खिवैया,

अनंग त्रयोदशी व्रत कथा

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को अनंग त्रयोदशी कहा जाता है। अनंग त्रयोदशी व्रत प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है।

श्री सङ्कटनाशन गणेश स्तोत्रम्

प्रणम्य शिरसा देवंगौरीपुत्रं विनायकम्।
भक्तावासं स्मेरनित्यमाय्ःकामार्थसिद्धये॥

मेरा श्याम बड़ा अलबेला (Mera Shyam Bada Albela)

मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
मेरी मटकी में मार गया ढेला,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।