सब देव चले महादेव चले(Sab Dev Chale Mahadev Chale)

सब देव चले महादेव चले,

ले ले फूलन के हार रे,

आओ रामा की नागरिया,

आओ राघव साँवरिया ॥


शिव शंकर ने आगे बढ़कर अपना डमरू बजाया,

गन्धर्वों ने ताल मिला कर प्रभु की स्तुति गाया,

सब हरष रहे मेघ बरस रहे,

अमृत की सरस फुहार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥


सब देव चले महादेव चले,

ले ले फूलन के हार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥


नौमि तिथि मधुमास पुनीता,

शुक्ल पक्ष अभिजीत हरी प्रीता,

मध्य दिवस अति शीत न धामा,

सकल काल लोक विश्राम,

ब्रम्हा वेद पढ़ें सुर यान चढ़ें,

फूलन की करें बौछार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥


सब देव चले महादेव चले,

ले ले फूलन के हार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥


जो लगन गृह वार तिथि,

अनुकूल वो सब आई,

मनि आरे पर्वत सब महि,

सोलह श्रृंगार कर छायी,

कल्याण मूल मिले दोउ कुल,

सरयू बढ़ गयी अपार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥


सब देव चले महादेव चले,

ले ले फूलन के हार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥

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बांके बिहारी मुझको देना सहारा (Banke Bihari Mujhko Dena Sahara)

बांके बिहारी मुझे देना सहारा,
कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा॥

स्कंद षष्ठी व्रत कथा

स्कंद षष्ठी का व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली स्कन्द षष्ठी 05 जनवरी को मनाई जाएगी।

गुप्त नवरात्रि 12 राशियों पर प्रभाव

साल में आने वाली चारों नवरात्रि का सनातन धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है। 30 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। जिसका समापन अगले महीने 7 फरवरी 2025 को होगा।

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