शिव जी की महिमा अपरम्पार है (Shivji Ki Mahima Aprampaar Hai)

शिव जी की महिमा अपरम्पार है,

आया शिवरात्रि का त्यौहार है,

चरणों में नतमस्तक संसार है,

आया शिवरात्रि का त्यौंहार है ॥


जिनके उर में सर्पो की माला है,

भस्म रमाए बैठा डमरू वाला है,

जिनके उर में सर्पो की माला है,

भस्म रमाए बैठा डमरू वाला है,

सिर पर जिनके गंगा की धार है,

दुनिया उनकी करती जय जयकार है,

शिव जी की महिमा अपरम्पार है,

आया शिवरात्रि का त्यौंहार है ॥


भांग धतूरा बेल पत्र ले आए है,

गंगा जल में अक्षत फूल सजाए है,

भांग धतूरा बेल पत्र ले आए है,

गंगा जल में अक्षत फूल सजाए है,

होंठों पे भरे बस ओमकार है,

शिवजी के मंत्रो का गुंजार है,

शिव जी की महिमा अपरम्पार है,

आया शिवरात्रि का त्यौंहार है ॥


ईच्छा जन जन की ये पूरी करते है,

झोली हरदम भक्तों की ये भरते है,

ईच्छा जन जन की ये पूरी करते है,

झोली हरदम भक्तों की ये भरते है,

दर्शन करने से ही उद्धार है,

गजब इनका शृंगार है,

शिव जी की महिमा अपरम्पार है,

आया शिवरात्रि का त्यौंहार है ॥


शिव जी की महिमा अपरम्पार है,

आया शिवरात्रि का त्यौहार है,

चरणों में नतमस्तक संसार है,

आया शिवरात्रि का त्यौंहार है ॥

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जागो वंशीवारे ललना, जागो मोरे प्यारे (Jago Bansivare Lalna Jago More Pyare)

जागो वंशीवारे ललना,
जागो मोरे प्यारे ।

वे मनमोनेआ बालक नाथा (Ve Manmoneya Balak Natha)

वे मनमोनेआ बालक नाथा कदों बुलावेंगा,
तेरा शाहतलाईया डेरा, बाबा कादो बुलावेंगा ॥

तिरुमला को क्यों कहा जाता है धरती का बैकुंठ

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में त‍िरुमाला की सातवीं पहाड़ी पर स्थित तिरुपति मंदिर विश्व का सबसे प्रसिद्ध है। यहां आने के बाद बैकुंठ जैसी अनुभूति होती है।

कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया (Krishna Kanhaiya Bansi Bajaiya)

कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया,
नंदलाला घनश्याम रे,

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