श्याम नज़रें देख लो, अब खोल के: भजन (Shyam Nazare Dekh Lo Ab Khol Ke)

दिल दिया छोटा सा,
तुमने साँवरे,
उससे ज्यादा सह चुका हूँ,
घाव रे,
हर कोई चल देता,
इसको तोड़ के,
चरणों में रखा कलेजा,
खोल के,
श्याम नजरे देख लो,
अब खोल के ॥

दर्द बहता अखियों के,
जरिये मेरा,
ये खजाना कीमती,
सबसे मेरा,
मोल इसका लग सके,
ना तोल के,
चरणों में रखा कलेजा,
खोल के,
श्याम नजरे देख लो,
अब खोल के ॥

पिघलो भगवन तुम,
दया दृष्टि करो,
अब ‘कमल’ के श्याम,
तुम दुखड़े हरो,
बैठो ना मुंह को प्रभुजी,
मोड़ के,
चरणों में रखा कलेजा,
खोल के,
श्याम नजरे देख लो,
अब खोल के ॥

श्याम नज़रें देख लो,
अब खोल के,
चरणों में रखा कलेजा,
खोल के,
श्याम नजरे देख लो,
अब खोल के ॥

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आमलकी एकादशी पौराणिक कथा

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी के अलावा आंवला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन आंवले पेड़ की उत्तपति हुई थी।

कब है जया एकादशी?

सनातन धर्म में एक साल में कुल 24 एकादशी आती है। इनमें से माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी मनाई जाती है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

मुश्किल करे आसान जो, वो नाम तो हनुमान है (Mushkil Kare Aasan Jo Vo Naam To Hanuman Hai)

मुश्किल करे आसान जो,
वो नाम तो हनुमान है,

कार्तिक पूर्णिमा पर धन लाभ

कार्तिक माह सनातन धर्म में अत्यंत शुभ है। इस महीने में श्रद्धालु पवित्र नदियों के किनारे पर समय बिताते हैं या फिर घरों में तुलसी और केले के पौधों की पूजा करते हैं और प्रतिदिन दीप जलाते हैं।

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