तेरे डमरू की धुन सुनके, मैं काशी नगरी आई हूँ(Tere Damru Ki Dhun Sunke Main Kashi Nagri Aayi Hun)

तेरे डमरू की धुन सुनके,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥


सुना है हमने ओ भोले,

तेरी काशी में मुक्ति है,

उसी मुक्ति को पाने को,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥


सुना है हमने ओ भोले,

तेरी काशी में गंगा है,

उसी गंगा में नहाने को,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥


सुना है हमने ओ भोले,

तेरी काशी में मंदिर है,

उसी मन्दिर में पूजा को,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥


सुना है हमने ओ भोले,

तेरी काशी में भक्ति है,

उसी भक्ति को पाने को,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥


तेरे डमरू की धुन सुनके,

मैं काशी नगरी आई हूँ,

मेरे भोले ओ बम भोले,

मैं काशी नगरी आई हूँ ॥

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राधा के मन में, बस गए श्याम बिहारी(Radha Ke Man Mai Bas Gaye Kunj Bihari)

श्याम रंग में रंग गई राधा,
भूली सुध-बुध सारी रे,

फुलेरा दूज 2025 शुभ मुहूर्त

फुलेरा दूज भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के प्रेम का प्रतीक का त्योहार है। यह त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। वहीं यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का संकेत भी होता है।

थाईपुसम त्योहार कब है

थाईपुसम त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। भक्तजन जीवन की बाधाओं को पार करने के लिए मार्गदर्शन पाने के लिए मुरुगन से प्रार्थना करते हैं।

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