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चटक रंग में (Chatak Rang Me)

चटक रंग में, मटक रंग में,

धनीलाल रंग में, गोपाल रंग में ।


श्याम रंग संग होली खेलत गोपाल,

श्याम रंग संग होली खेलत गोपाल,

मनमोहन सलोन, रंग गए, रंग गए

ओ रंग गए नीले पीले लाल


ग्वाल बाल संग होली खेलत गोपाल,

मधुसूदन मनमोहने रंग गए, रंग गए

ओ रंग गए नीले पीले लाल


करत ठिठोल बाजवे मुरली,

इर्ली को रिझावे इतरावे उरली,

गाजे बाजे ढोल गावे ध्रुपद धमार

आपा धापी गोपियो में मच रही रार

भर-भर पिचकारी तिरछी-तिरछी धारी धाल


मधुसूदन मनमोहने रंग गए, रंग गए

ओ रंग गए नीले पीले लाल


ताली की टंकार, रंगो की गगरी

घंटो की गुंजार सुनावे कजरी

रंगो की फुहार भीगे नाद सुर ताल

अरे वैजंती बसंती रंग गई अचराज में नंद लाल

मायावी कान्हा ने रंग दियो थल अंबर पाताल


माधव मदन मुरारी रंग गए, रंग गए

ओह रंग गए नीले पीले लाल

श्याम रंग संग होली खेलत गोपाल,

मनमोहन सलोन रंग गए, रंग गए

ओ रंग गए नीले पीले लाल

मनमोहन सलोन रंग गए, रंग गए

ओह रंग गए नीले पीले लाल


कनक भवन दरवाजे पड़े रहो (Kanak Bhawan Darwaje Pade Raho)

प्रभु श्रीसीतारामजी काटो कठिन कलेश
कनक भवन के द्वार पे परयो दीन राजेश

बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे (Bajrang Ke Aate 2 Kahin Bhor Ho Na Jaye Re)

बजरंग के आते आते,
कही भोर हो न जाये रे,

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है भजन (Chalo Bulawa Aaya Hai Mata Ne Bulaya Hai Bhajan)

नवदुर्गा, दुर्गा पूजा, नवरात्रि, नवरात्रे, नवरात्रि, माता की चौकी, देवी जागरण, जगराता, शुक्रवार दुर्गा तथा अष्टमी के शुभ अवसर पर गाये जाने वाला प्रसिद्ध व लोकप्रिय भजन।

जो सुमिरत सिधि होइ (Jo Sumirat Siddhi Hoi)

जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन ॥
करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन ॥ 1 ॥