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केवट राम का भक्त है(Kevat Ram Ka Bhakt Hai)

केवट राम का भक्त है,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा,

जल सरयू का गहरा भी है,

पार उसको लगाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


श्रद्धा जितना भी राम से हो,

उसको सौगात उतना मिलेगा,

भूल जीवन में गलती से हो तो,

राम का नाम लेना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


है वनवास जाना तो क्या,

मार्ग जंगल का मुश्किल तो क्या,

साथ भाई का हरदम मिले तो,

माई सीता को लाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


सीता कष्टों को झेले तो है,

सुख दुःख की सहेली भी है,

पिता का वचन भी तो है,

इसे हरपल निभाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥


केवट राम का भक्त है,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा,

जल सरयू का गहरा भी है,

पार उसको लगाना पड़ेगा,

केवट राम का भक्त हैं,

दोनों चरणों को धोना पड़ेगा ॥

मां ज्वाला देवी की कथा

मां भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक, ज्वालामुखी मंदिर, अपनी अनूठी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है। इसे 'जोता वाली मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता सती के शरीर के टुकड़े जहां-जहां गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए।

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आओ विनायक म्हारे, आंगणिये पधारो (Aao Vinayak Mhare Aanganiye Padharo)

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कौसल्या हितकारी ।