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मीरा दीवानी हो गयी रे (Meera Deewani Ho Gayi Re..)

मीरा दीवानी हो गयी रे, मीरा दीवानी हो गयी ।

मीरा मस्तानी हो गयी रे, मीरा मस्तानी हो गयी ॥

शयम रंग में रंगी चुनरिया, हो हो हो हो..

॥ मीरा दीवानी हो गयी रे...॥


राणा की राजधानी छोड़ी लोक लाज सब छोड़ी,

रंग के श्याम रंग में चुनर मीरा जी ने ओडी ।

लोक लाज की नहीं खबरिया, हो ओ ओ..

॥ मीरा दीवानी हो गयी रे...॥


इस दुनिया से प्रीत तोड़के श्यामल रंग चढ़ाया,

साथ सभी का छोड़ दिया और गिरिधर गिरिधर गाया ।

वो तो ऐसी भाई बावरिया, हो ओ ओ..

॥ मीरा दीवानी हो गयी रे...॥


पैरों में वो घुँघरू बाँध के झूमे नाचे गाए,

भई विहरनी श्याम विरहा और ना कोई है भाए ।

वृन्दावन की गयी डगरिया, हो हो हो..

॥ मीरा दीवानी हो गयी रे...॥


लगन लगी तेरे दरश की और ना कोई भाए,

गली गली तोहे ढूंढती ढोले कही ना फिर वो पाए ।

तेरे दर पे बीती उमरिया, हो ओ ओ..

॥ मीरा दीवानी हो गयी रे...॥


मीरा दीवानी हो गयी रे, मीरा दीवानी हो गयी ।

मीरा मस्तानी हो गयी रे, मीरा मस्तानी हो गयी ॥

शयम रंग में रंगी चुनरिया, हो हो हो हो..

श्री गणेश स्तोत्रम्

कैलाशपर्वते रम्ये शम्भुं चन्द्रार्धशेखरम्।
षडाम्नायसमायुक्तं पप्रच्छ नगकन्यका॥

श्री गायत्री चालीसा (Sri Gayatri Chalisa)

हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड ।
शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान(Milta Hai Sachha Sukh Keval Bhagwan Tere Charno Me)

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान् तुम्हारे चरणों में ।
यह विनती है पल पल छिन की, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥

वैकुंठ चतुर्दशी का महत्व

वैकुंठ चतुर्दशी हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। इसे कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। यह कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन पहले आता है और देव दिवाली से भी संबंधित है।

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