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राम नाम से जगमग है (Ram Naam Se Jagmag Hai)

वो कितने धनवान धनी जो

राम के दर्शन पाते हैं

वो कितने धनवान धनी जो

राम के दर्शन पाते हैं

हाँ सीता के राम रमैया

नैया पार लगते हैं

नाम से तेरे काम हो मेरा

हो जीवन से दूर अँधेरा

ओ मैं हूँ तुमसे तुमसे जग है


मेरे घर का कोना-कोना

राम नाम से जगमग है

पड़े चरण तेरे मेरे घर घर

चारों धाम सा जगमग है

मेरे घर का कोना कोना

राम नाम से जगमग है

राम नाम से जगमग है जगमग है


कौशल्या की ममता भी तो

राम नाम पर बरसो रोई


कौशल्या की ममता भी तो

राम नाम पर बरसो रोई


चौदह बरस जो जागी रातें

उस ममता की आँख ना सोई

रघुकुल रीत सदा चली आई

प्राण जाई पर वचन ना जाई

मैं हूँ तुमसे तुमसे जग है


मेरे घर का कोना-कोना

राम नाम से जगमग है

मेरे घर का कोना-कोना

राम नाम से जगमग है

पड़े चरण तेरे मेरे घर घर

चारों धाम सा जगमग है

मेरे घर का कोना कोना

राम नाम से जगमग है

राम नाम से जगमग है


सबरी खिलायी बेर मन से

अहिल्या कर गई प्रभु चरण से


ओ सबरी खिलायी बेर मन से

अहिल्या कर गई प्रभु चरण से


तुलसीदास अमर पद गाये

वाल्मिकी हरि कथा सुनायें

मैं हूँ तुमसे तुमसे जग है


मेरे घर का कोना-कोना

राम नाम से जगमग है

मेरे घर का कोना-कोना

राम नाम से जगमग है

पड़े चरण तेरे मेरे घर घर

चारों धाम सा जगमग है

मेरे घर का कोना कोना

राम नाम से जगमग है

राम नाम से जगमग है जगमग है


राम नाम से जगमग है जगमग है

राम नाम से जगमग है जगमग है

जानकी जयंती पर मां सीता की विशेष पूजा

हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जानकी जयंती मनाई जाती है। यह दिन भगवान राम की पत्नी मां सीता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

मैं कितना अधम हूँ, ये तुम ही जानो (Main Kitna Adham Hu Ye Tum Hi Jano)

मैं कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो,

भीष्म अष्टमी पर करें गंगा स्नान

भीष्म अष्टमी सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन विशेष रूप से पितरों को समर्पित होता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके वंश में संतान नहीं होती। यह पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

ज्योत से ज्योत जगाते चलो (Jyot Se Jyot Jagate Chalo)

ज्योत से ज्योत जगाते चलो,
ज्योत से ज्योत जगाते चलो