जागरण की रात मैया, जागरण में आओ (Jagran Ki Raat Maiya Jagran Mein Aao)

जागरण की रात मैया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओ,

आस लगाए बैठे है माँ,

अब तो दरश दिखाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


तेरे भक्तों ने मैया,

तेरी ज्योत जगाई,

तेरे लिए महामाई,

चुनरी लाल मंगाई,

पान सुपारी हलवा पूरी,

आके भोग लगाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


तेरी शेर सवारी,

भक्तो के मन भाई,

दर्श बिना अब तेरे,

एक पल रहा ना जाए,

जल्दी से तुम आ जाओ माँ,

अब ना देर लगाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


‘पासी केसरी’ मैया,

तेरी दिल से भेंट गाए,

जो भी दर पे आता,

झोली भर के जाए,

‘लाडी’ की भी मैया जी,

अब बिगड़ी बात बनाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


जागरण की रात मैया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओ,

आस लगाए बैठे है माँ,

अब तो दरश दिखाओ,

जागरण की रात मईया,

जागरण में आओ,

माँ जागरण में आओं ॥


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एकादशी व्रत फरवरी 2025

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