चलती है सारी श्रष्टी, महाकाल के दर से (Chalti Hai Saari Srishti Mahakal Ke Dar Se)

चलती है सारी श्रष्टी,

महाकाल के दर से ॥


दोहा – मेरे महाकाल की मर्जी से,

ये सूर्य की किरणे निकलती है,

मेरे महाकाल की कृपा से,

ये श्रष्टी सारी चलती है ॥


चलती है सारी श्रष्टी,

उज्जैन शहर से,

मेरे महाकाल के दर से,

मेरे महाकाल के दर से ॥


ब्रह्मा और विष्णु भी,

महाकाल का गुणगान करें,

वंदना शिव की सभी,

वैद और पुराण करें,

देवो ने तत्व पाया,

उज्जैन शहर से,

मेरे महाकाल के दर से,

मेरे महाकाल के दर से ॥


मेरे महाकाल से,

यमकाल सभी डरते है,

अकाल मौत भी,

आए तो उसको हरते है,

वो काल भी घबराये,

महाकाल के डर से,

मेरे महाकाल के दर से,

मेरे महाकाल के दर से ॥


जो भी दर्शन को बाबा,

तेरे शहर आता है,

सभी बंधन से बाबा,

मुक्त वो हो जाता है,

जाता ना कोई खाली,

उज्जैन शहर से,

मेरे महाकाल के दर से,

मेरे महाकाल के दर से ॥


मेरे महाकाल की तो बात ही निराली है,

आता जो दर पे इनके जाता नहीं खाली है,

मेरे महाकाल की तो बात ही निराली है ॥


मेरे महाकाल ने जिसजिस पे नज़र डाली है,

ज़िंदगी रोशन हुई रोज ही दिवाली है,

मेरे महाकाल की तो बात ही निराली है ॥


मेरे महाकाल की तो दुनिया हि दीवानी है,

बनाते बिगड़ी सबकी भोले औघडदानी है,

आसरा पाया है कृष्णा ने बाबा तेरे ही दर से,

मेरे महाकाल के दर से,

मेरे महाकाल के दर से ॥


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सजा दों उज्जैनी दरबार (Saja Do Ujjaini Darbar)

सजा दो उज्जैनी दरबार,
मेरे महाकाल आये है ॥

सवारी महाकाल की आई(Sawari Mahakal Ki Aayi)

आओ प्यारे भक्तों,
भोले बाबा को मनाएं हम,

नमो नमो शिवाय(Namo Namo Shivaay)

नमो नमो जय, नमो शिवाय
नमो नमो जय, नमो शिवाय

मासिक शिवरात्रि पर शिव चालीसा पाठ

हिंदू पंचाग में प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी 14वें दिन मासिक शिवरात्रि के मनाई जाती है। इस विशेष दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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