डमरू वाले भोले भाले, देवो में तुम देव निराले (Damru Wale Bhole Bhale Devo Me Tum Dev Nirale)

डमरू वाले भोले भाले ॥


दोहा – महाकाल तुम काशी वाले,

शिव भोले भंडारी,

तीन लोक चरणन में झुकते,

हे नीलकंठ त्रिपुरारी ॥


डमरू वाले भोले भाले,

देवो में तुम देव निराले,

गंगा धारण करने वाले,

शिव भोले जय शिव भोले,

बम भोले जय बम भोले ॥


माथे पे चंदा सोहे है,

गले सर्प माला मोहे है,

तन पे भभूति रमाए है,

डम डम डमरू बजाए है,

झोली सबकी भरने वाले,

पार सभी को करने वाले,

गंगा धारण करने वाले,

शिव भोले जय शिव भोले,

बम भोले जय बम भोले ॥


असुरों को वरदान दिए,

विष ये हलाहल आप पिए,

रावण को लंका दीन्हि,

ब्रम्हा को सब वेद दिए,

भक्तों के तुम हो रखवाले,

लीला अजब हो रचने वाले,

गंगा धारण करने वाले,

शिव भोले जय शिव भोले,

बम भोले जय बम भोले ॥


गंगा जल जो चढ़ाए है,

मुंह माँगा फल पाए है,

शिव की पिंडी पर जिसने,

चन्दन तिलक लगाए है,

उसके काम कभी ना टाले,

उन भक्तों को आप संभाले,

गंगा धारण करने वाले,

शिव भोले जय शिव भोले,

बम भोले जय बम भोले ॥


तन पे भभूती रमाए है,

मृगछाला लिपटाए है,

एक हाथ में त्रिशूल सजे,

दूजे डमरू बजाए है,

योगी रूप में रहने वाले,

कंद मूल फल खाने वाले,

भव से पार लगाने वाले,

शिव भोले जय शिव भोले,

बम भोले जय बम भोले ॥


डमरू वाले भोले भाले,

देवो में तुम देव निराले,

गंगा धारण करने वाले,

शिव भोले जय शिव भोले,

बम भोले जय बम भोले ॥

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चैत्र महीना व्रत-त्योहार लिस्ट

चैत्र माह हिंदू पंचांग का पहला महीना होता है। इसे हिंदू नववर्ष की शुरुआत के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा यह वसंत ऋतु के खत्म होने का प्रतीक भी है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखते हैं। यह त्योहार हमें धर्म, संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हैं।

फाल्गुन में देवताओं की पूजा

माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिन्दू नववर्ष आ जाएगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।

जय माता दी बोल भगता, चिट्ठी माँ की आएगी (Jai Mata Di Bol Bhagta Chitthi Maa Ki Aayegi)

जय माता दी बोल भगता,
चिट्ठी माँ की आएगी,

मार्गशीर्ष माह में कब-कब पड़ेंगे प्रदोष व्रत?

हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत पूर्ण रूप से भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है।

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