धन जोबन और काया नगर की (Dhan Joban Aur Kaya Nagar Ki)

धन जोबन और काया नगर की,

कोई मत करो रे मरोर ॥


क्यूँ चले से आंगा पांगा,

चिता बिच तने धर देंगे नंगा,

एक अग्नि का लेके पतंगा,

तेरे फिर जाएंगे चारो ओर,

॥ धन जोबन और काया..॥


सिराणे खड़ी तेरी माई रोवे,

भुजा पकड़ तेरा भाई रोवे,

पायाँ खड़ी रे तेरी ब्याहि रे रोवे,

जिसने ल्याया बाँध के मोल,

॥ धन जोबन और काया..॥


पांच साथ तेरे चलेंगे साथ में,

गोसा पुला लेके हाथ में,

इक पिंजरी का ले बांस हाथ में ,

तेरे देंगे सर में फोड़,

॥ धन जोबन और काया..॥


शंकर दास ब्राम्हण गावे,

सब गुणियों को शीश झुकावे,

अपणा गाम जो खोली बतावे,

वो तो गया रे मुलाजा तोड़,


धन जोबन और काया नगर की,

कोई मत करो रे मरोर ॥

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संकट के साथी को हनुमान कहते हैं(Sankat Ke Sathi Ko Hanuman Kahate Hain)

दुनिया के मालिक को भगवान कहते हैं
संकट के साथी को हनुमान कहते हैं॥

जन्मे अवध में, दशरथ के ललना (Janme Awadh Mein Dashrath Ke Lalna)

जन्मे अवध में,
दशरथ के ललना,

माँ तू ही नज़र आये(Maa Tu Hi Nazar Aaye)

मुँह फेर जिधर देखूं माँ तू ही नज़र आये,
माँ छोड़ के दर तेरा कोई और किधर जाये ॥

अगर प्यार तेरे से पाया ना होता (Agar Pyar Tere Se Paya Na Hota)

​अगर प्यार तेरे से पाया ना होता,
तुझे श्याम अपना बनाया ना होता ॥

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