जैसे होली में रंग, रंगो में होली (Jaise Holi Mein Rang Rango Mein Holi)

जैसे होली में रंग,

रंगो में होली

वैसे कान्हा मेरा,

मैं कान्हा की हो ली

रोम रोम मेरा,

कान्हा से भरा

अब कैसे में खेलूँ री,

आँखमिचोली ॥


मैं तो कान्हा से मिलने अकेली चली,

संग संग मेरे,

सारे रंग चले,

ज़रा बचके रहो,

ज़रा हटके चलो,

बड़ी नटखट है,

नव रंगों की टोली ॥


अब तो तन मन पे श्याम रंग चढा,

कंचन के तन रतन जडा,

बनठन के मैं बैठी,

दुल्हन की तरहा,

कान्हा लेके चला,

मेरे प्रेम की डोली ॥


........................................................................................................
प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे, बाद बहुत पछताओगे (Prabhu Ko Agar Bhuloge Bande Need Kahan Se Laoge)

प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,
बाद बहुत पछताओगे,

चैत्र शुक्ल कामदा नामक एकादशी व्रत-माहात्म्य (Chaitr Shukl Kaamda Naamak Ekaadashee Vrat-Maahaatmy)

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने कहा- भगवन्! आपको कोटिशः धन्यवाद है जो आपने हमें ऐसी सर्वोत्तम व्रत की कथा सुनाई।

माघ महीने में तुलसी की पूजा कैसे करें?

माघ का महीना हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वर्ष का दसवां महीना होता है और यह दिसंबर-जनवरी के बीच आता है। माघ का महीना विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है।

मैया जी घर आए (Maiya Ji Ghar Aaye)

मैया जी घर आए,
गौरी माँ, माँ शारदा,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने