हे नाथ दया करके, मेरी बिगड़ी बना देना (Hey Nath Daya Karke Meri Bigdi Bana Dena)

हे नाथ दया करके,

मेरी बिगड़ी बना देना,

अब तक जो निभाया है,

आगे भी निभा देना,

आगे भी निभा देना,

हें नाथ दया करके,

मेरी बिगड़ी बना देना ॥


लाचार हूँ मैं भोले,

इस मन से हारा हूँ,

विश्वास यही है मुझे,

मैं तेरा प्यारा हूँ,

कभी टूटे ना ये रिश्ता,

ये ध्यान सदा रखना,

हें नाथ दया करके,

मेरी बिगड़ी बना देना,

मेरी बिगड़ी बना देन ॥


जप तप ना जानू मैं,

ना पूजा पाठ तेरा,

बस तेरी दया पर ही,

चलता है गुजर मेरा,

ये दया प्रभु तेरी,

हरदम रखते रहना,

हें नाथ दया करके,

मेरी बिगड़ी बना देना,

मेरी बिगड़ी बना देन ॥


मैं तेरे प्यार की,

छाया में रहूँ हरदम,

कभी आकर घेरे ना,

दुनिया का कोई भी गम,

तेरे नाम की मस्ती का,

बाबा जाम पिला देना,

हें नाथ दया करके,

मेरी बिगड़ी बना देना,

मेरी बिगड़ी बना देन ॥


मैं नाथ तुम्हे कहता,

तुम सर्वस्व हो मेरे,

‘सांवर’ बस तेरा है,

गुणगान करे तेरे,

मुझे अंत समय में तू,

तेरी गोद बिठा लेना,

हें नाथ दया करके,

मेरी बिगड़ी बना देना,

मेरी बिगड़ी बना देन ॥


हे नाथ दया करके,

मेरी बिगड़ी बना देना,

अब तक जो निभाया है,

आगे भी निभा देना,

आगे भी निभा देना,

हें नाथ दया करके,

मेरी बिगड़ी बना देना ॥


........................................................................................................
श्री कृष्ण चालीसा

सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण को पूर्णावतार माना गया है। उनका जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था।

घर पर होलिका दहन की विधि

धार्मिक मान्यता के मुताबिक, होलिका दहन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और सुख-समृद्धि बढ़ती है। होलिका दहन के विधिवत आराधना करने से नकारात्मकता भी घर से बाहर चल जाता है। इसके साथ ही माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद बना रहता है।

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ(Dedo Apni Pujarin Ko Vardan Maa)

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ,
मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु,

कितने दिनों के बाद है आई, भक्तो रात (Kitne Dino Ke Baad Hai Aayi Bhakto Raat)

कितने दिनों के बाद है आई,
भक्तो रात भजन की,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने