काजल टीको लगवा ले लुन राइ करवा ले - भजन (Kajal Tiko Lagwale Lun Rai Karva Le)

काजल टीको लगवा ले,

लुन राइ करवा ले,

नही तो थारे नजर लग जावेगी,

ओ बाबा थारे नजर लग जावेगी ॥


सज धज के आज बाबा,

तू बनडो सो लागे,

चंदा सूरज तेरे आगे,

फिका फिका लागे,

थोड़ो थूथकारो घलवा ले,

तेल बाती जलवा ले,

नही तो थारे नजर लग जावेगी,

ओ बाबा थारे नजर लग जावेगी ॥


ज़री को पेचों बांध के जब तू,

मदं मदं मुसकावे,

मत ना पूछे प्रेमिया का,

हाल किसा हो जावे,

इनकी धूलि चटवा ले,

थोड़ी मिर्ची बलवा ले,

नही तो थारे नजर लग जावेगी,

ओ बाबा थारे नजर लग जावेगी ॥


सतरंगी है बागो तेरो,

सतरंगी है पटको,

रूप सुहानो देख के बाबा,

म्हाने लागे झटको,

कालो धागो बधंवाले,

निम्बू मिर्ची लटकाले,

नही तो थारे नजर लग जावेगी,

ओ बाबा थारे नजर लग जावेगी ॥


तू जाने है भगत ये तेरी,

एक झलक ने तरसे,

मोको मिलता ही ये थाने,

टुकर टुकर कर निरखे,

खुद ने नजरा से बचाले,

थोड़ो परदो तू लगवा ले,

नही तो थारे नजर लग जावेगी,

ओ बाबा थारे नजर लग जावेगी ॥


मोरछड़ी को भगता के,

तू तो झाड़ो लगावे,

ऐसो ना हो तेरे ही,

झाडो देणो पड़ जावे,

‘बल्लू’ से मन्तर पढवाले,

एक ताबीज बंधाले,

नही तो थारे नजर लग जावेगी,

ओ बाबा थारे नजर लग जावेगी ॥


काजल टीको लगवा ले,

लुन राइ करवा ले,

नही तो थारे नजर लग जावेगी,

ओ बाबा थारे नजर लग जावेगी ॥

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माँ गौरी के लाल गजानन(Maa Gauri Ke Lal Gajanan)

माँ गौरी के लाल गजानन,
आज आओ पधारो मेरे आँगन,

मेरे उज्जैन के महाकाल(Mere Ujjain Ke Mahakal )

तेरी होवे जय जयकार,
मेरे उज्जैन के महाकाल,

जिसने मरना सीखा लिया है (Jisane Marana Seekh Liya Hai)

जिसने मरना सीखा लिया है,
जीने का अधिकार उसी को ।

शिवजी को काल भैरव क्यों कहते हैं

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी के तट पर भगवान शिव महाकाल के रूप में विराजमान हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में यह तीसरे स्थान पर आता है। उज्जैन में स्थित यह ज्योतिर्लिंग देश का एकमात्र शिवलिंग है जो दक्षिणमुखी है। मंदिर से कई प्राचीन परंपराएं जुड़ी हुई हैं।

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