जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की (Jai Bolo Jai Bolo Jai Hanuman Ki)

जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की,

संकट मोचन करुणा दयानिधान की,

हनुमान की जय विद्यावान की जय,

शक्तिमान की जय हनुमान की जय,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥


अहिरावण की भुजा उखाड़ी,

सुरसा इनसे हारी हो,

असुरो की वो सेना इनसे,

लड़के नरक सिधारी,

रोती थी जब राम विरह में,

रोती थी जब राम विरह में,

सिता जनक दुलारी,

लंका जा उन्हें धीर बंधाया,

करके कोतुक भारी,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की,

संकट मोचन करुणा दयानिधान की,

हनुमान की जय विद्यावान की जय,

शक्तिमान की जय हनुमान की जय,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥


मंगलकारी हनुमान जी,

करते सबका मंगल हो,

पाप का ताप मिटाके पल में,

तन मन करते शीतल,

झूठ कपट का मेल मिटाकर,

झूठ कपट का मेल मिटाकर,

करते आत्मा निर्मल,

रामचन्द्र के भक्त बने ये,

भाये ना इनको छल बल,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की,

संकट मोचन करुणा दयानिधान की,

हनुमान की जय विद्यावान की जय,

शक्तिमान की जय हनुमान की जय,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥


जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की,

संकट मोचन करुणा दयानिधान की,

हनुमान की जय विद्यावान की जय,

शक्तिमान की जय हनुमान की जय,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥

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सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ(Sara Barsana Tera Deewana Hua)

तेरी मुरली की धुन,
हमने जबसे सुनी,

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर बन रहे मंगलकारी योग

सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भक्त भगवान गणेश की आराधना कर सुख-समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं। संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है (Sharan Mein Hum Tumhare Aa Pade Hai)

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है,
ओ भोले तेरे द्वारे आ पड़े है,

आये है दिन सावन के (Aaye Hain Din Sawan Ke)

आये है दिन सावन के,
गंगा जल से भर के गगरिया,

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