जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली - भजन (Jai Ho Jai Ho Tumhari Ji Bajrangbali)

जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली

लेके शिव रूप आना गजब हो गया

त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी

तेरा कलयुग में आना गजब गो गया ॥


बचपन की कहानी निराली बड़ी

जब लगी भूख हनुमत मचलने लगे

फल समझ कर उड़े आप आकाश में

तेरा सूरज को खाना गजब हो गया ॥


कूदे लंका में जब मच गयी खलबली

मारे चुनचुन कर असुरो को बजरंगबली

मारडाले अच्छो को पटककर वही

तेरा लंका जलाना गजब हो गया ॥


आके शक्ति लगी जो लखनलाल को

राम जी देख रोये लखनलाल को

लेके संजीवन बूटी पवन वेग से

पूरा पर्वत उठाना गजब हो गया ॥


जब विभीषण संग बैठे थे श्री राम जी

और चरनो में हाजिर थे हनुमान जी

सुन के ताना विभीषण का अंजनी के लाल

फाड़ सीना दिखाना गजब हो गया ॥


जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली

लेके शिव रूप आना गजब हो गया

त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी

तेरा कलयुग में आना गजब गो गया ॥

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हर हाल में खुश रहना (Har Haal Me Khush Rehna)

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।
हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

Jis Bhajan Mein Ram Ka Nam Na Ho (जिस भजन में राम का नाम ना हो)

जिस भजन में राम का नाम ना हो,
उस भजन को गाना ना चाहिए ॥

कलावा उतारने के नियम

सनातन धर्म में कलावा बांधने का काफ़ी महत्व है। इसे रक्षा सूत्र के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, हाथ पर कलावा बांधने की शुरुआत माता लक्ष्मी से जुड़ी हुई है।

दर्श अमावस्या पूजा विधि

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का विशेष महत्व है, जो पितरों की शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन पितरों की पूजा करना, तर्पण देना और धूप देना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

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