जन्मे अवध रघुरइया हो (Janme Awadh Raghuraiya Ho)

श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन।


जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो

रूप मे अनूप चारो भइया हो,

सब मंगल मनावो,

एक श्याम जो नील कमल हो

या जमुना का निर्मल जल हो

दूजे की है चांद सी गोरइया हो

सब मंगल मनावो,

बरसन सुमन देवगण आये

दरसन का सब लाभ उठाये

तीनो लोक राजा को बधइया हो

सब मंगल मनावो,

जल गये दीपक मनी दिवाली

मंत्री करे खजाना खाली

राही बांटे कामधेनु गइयाँ हो

सब मंगल मनावो,

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चन्दन चौक पुरावा मंगल कलश सजावा (Chandan Chowk Purawa Mangal Kalash Sajawa)

चन्दन चौक पुरावा,
मंगल कलश सजावा,

मत रोवै ए धौली धौली गाँ (Mat Rove Aie Dholi Dholi Gay)

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी,

हाय नजर ना लग जाये(Najar Naa Lag Jaye)

ओ मोटे मोटे नैनन के तू ,
ओ मीठे मीठे बैनन के तू

विनायक चतुर्थी के उपाय

सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का काफी महत्व है। चतुर्थी का पर्व शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 1 फरवरी 2025 को है। यह दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है।

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