जिन भवानी माँ (Jeen Bhawani Maa)

जिन भवानी माँ,

थारी महिमा न्यारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है ॥


ममतामयी मेरी मां,

करुणा मयी मेरी मां,

म्हे बालक हा नादान,

हे बुध्दी मति माता,

हे जगमती माता,

म्हे निर्गुण दयो थे ज्ञान,

आनंद कर दयो मां,

जग विख्यात थारी दातारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है,

जिन भवानी मां,

थारी महिमा न्यारी है ॥


हे जग पटरानी मां,

थे हो कल्याणी मां,

अरज स्वीकार करो,

हे शक्ति प्रदायनि मां,

हे भक्ति प्रदायनि मां,

सुख सु यश प्रदान करो,

म्हे टाबर थारा,

तु ही कुल की धणीयानी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है,

जिन भवानी मां,

थारी महिमा न्यारी है ॥


मरुधर मे गोरिया धाम,

तीरथ बन्यो महान,

बठे थे बिराजो हो,

सागे हर्ष भैरो जी,

काटे कस्ट सके जी,

सबका कारज साधो हो,

निर्मल बोले माँ,

तु तो भक्ता की हितकारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है,

जिन भवानी मां,

थारी महिमा न्यारी है ॥


जिन भवानी माँ,

थारी महिमा न्यारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है ॥

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मत्स्य जयंती कब मनाई जाएगी

मत्स्य जयंती भगवान विष्णु के पहले अवतार, “मत्स्यावतार” अर्थात् मछली अवतार की विशेष पूजा के रूप में मनाई जाती है।

हरि हरि हरि सुमिरन करो (Hari Hari Hari Sumiran Karo)

हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो,
हरि चरणारविन्द उर धरो

बिना लक्ष्मण के है जग सुना सुना (Bina Lakshman Ke Hai Jag Soona Soona)

लगी चोट रघुवर के तब ऐसी मन में,
रोके सुग्रीव से बोले जाओ,

गिरिजा के छैया, गणपति तुम्हे पुकारूँ (Girija Ke Chheya Ganpati Tumhe Pukaru )

गिरिजा के छैया,
गणपति तुम्हे पुकारूँ,

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