कभी दुर्गा बनके, कभी काली बनके (Kabhi Durga Banke Kabhi Kali Banke)

कभी दुर्गा बनके,

कभी काली बनके,

चली आना,

मैया जी चली आना ॥


ब्रम्हचारिणी रूप में आना,

ब्रम्हचारिणी रूप में आना,

भक्ति हाथ ले के,

शक्ति साथ ले के,

चली आना,

मैया जी चली आना ॥


तुम दुर्गा रूप में आना,

तुम दुर्गा रूप में आना,

सिंह साथ ले के,

चक्र हाथ ले के,

चली आना,

मैया जी चली आना ॥


तुम काली रूप में आना,

तुम काली रूप में आना,

खप्पर हाथ ले के,

योगिनी साथ ले के,

चली आना,

मैया जी चली आना ॥


तुम शीतला रूप में आना,

तुम शीतला रूप में आना,

झाड़ू हाथ ले के,

गधा साथ ले के,

चली आना,

मैया जी चली आना ॥


तुम गौरा के रूप में आना,

तुम गौरा के रूप में आना,

माला हाथ ले के,

गणपति साथ ले के,

चली आना,

मैया जी चली आना ॥


कभी दुर्गा बनके,

कभी काली बनके,

चली आना,

मैया जी चली आना ॥

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तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ(Tera Darbar Humne Sajaya Hai Maa)

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ,
तुमको बुलाया है माँ,

होली रे होली बरसाने की होली (Holi Re Holi Barsane Ki Holi)

राधा कृष्ण ने मिल कर खेली बरसाने की होली,
संग किशन के ग्वाल सखा है सखियाँ राधा टोली,

छोटी होली पूजा विधि

साल 2025 में छोटी होली 13 मार्च गुरूवार को है। ये दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और उनके परम भक्त प्रहलाद की पूजा के लिए समर्पित होता है।

शनि प्रदोष व्रत मुहूर्त और तारीख

सनातन हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। बता दें कि प्रदोष व्रत महीने में दो बार आता है। पर प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने पर उसे शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।

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