राधा का चितचोर कन्हैया (Radha Ka Chitchor Kanhaiya)

राधा का चितचोर कन्हैया,

दाऊजी का नटखट भैया,

कुञ्ज गलिन का रास रचैया,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


मोर मुकुट मोतियन की माला,

ऐसा प्यारा रूप निराला,

कारी कारी अखियां कारी,

होंठों की लाली मतवाली,

पित वसन पीताम्बर धारी,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


किस प्रेमी ने इसे सजाया,

केसर चन्दन इतर लगाया,

बांकी बांकी चितवन प्यारी,

कर में मुरली जादूगारी,

कानुड़ा गोवर्धन धारी,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


नैनो से बातें ये करता,

कभी मचलता कभी मटकता,

जब देखूं हँसता ही जाए,

प्रीत के तीर चलाता जाए,

मेरा जी ललचाता जाए,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


माखन मिश्री बेगा ल्याओ,

कानुड़ा का जी ललचाओ,

सारा चट मत ना कर जाना,

‘नंदू’ कुछ हमको दे जाना,

तेरा मेरा प्यार पुराना,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


राधा का चितचोर कन्हैया,

दाऊजी का नटखट भैया,

कुञ्ज गलिन का रास रचैया,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥

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घनश्याम तुम ना आये, जीवन ये बीता जाये (Ghanshyam Tum Na Aaye Jeevan Ye Beeta Jaye)

घनश्याम तुम ना आये,
जीवन ये बीता जाये ॥

बुध त्रयोदशी व्रत कथा

एक समय की बात हे नैमिषारण्य तीर्थ में अनेकों ऋषियों ने सूत जी महाराज से पूछा, हे भगवन! हमें प्रदोष व्रतों में उत्तम बुध प्रदोष के विषय में बताइये। तब सूत जी महाराज ने कहा।

ओ शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे (O shankar Mere Kab Honge Darshan Tere)

ओ शंकर मेरे,
कब होंगे दर्शन तेरे,

रथ सप्तमी सर्वार्थसिद्धि योग

हिंदू धर्म में, रथ सप्तमी का पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है। इस साल रथ सप्तमी का पर्व 4 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा।

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