नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मईआ(Nache Nandlal Nachave Hari Ki Maiya)

नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥


नचावे हरि की मईआ,

नचावे हरि की मईआ ।

नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥

मथुरा मे हरि, जन्म लियो है ॥

गोकुल मे पग, धरो री कन्हैया॥

रुनुक-झुनुक पग, घुँघरू वाज़े ॥

ठुमुक-ठुमुक पग, धरो री कन्हैया॥ ...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


धोतो न बांधे, जामो न पहिरे ॥

पिताम्बर को, बडो रे पहरैया॥

टोपो न ओढ़े लाला, फेंटा* न बांधे ॥

मोर-मुकुट को, बडो रे ओढैईया॥ ...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


शाला न ओढ़े, दुशाला ना ओढ़े ॥

काली रे कमरिया को, बडो रे ओढैईया॥

ढूध न भावे, दही ना खावे ॥

माखन-मिसरी को, बड़ो रे खवैईया॥...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


खेल ना खेले, खिलौना ना खेले ॥

बंसी को लाला, बडो री बजीईया ॥

चंदर सखी भज, बालकृष्ण छवि ॥

हंस हंस कंठ लगावे, हर की मैया ॥ ...x2

॥ नाचे नन्दलाल...॥


नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥

नचावे हरि की मईआ,

नचावे हरि की मईआ ।

नाचे नन्दलाल,

नचावे हरि की मईआ ॥

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वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे (Vaishnav Jan To Tene Kahiye Je)

वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।

तुम राम के पुजारी, हो बाल ब्रम्हचारी(Tum Ram Ke Pujari Ho Bal Brahmachari)

तुम राम के पुजारी,
हो बाल ब्रम्हचारी,

मंत्र जाप के लाभ

‘मंत्र’ शब्द संस्कृत भाषा से आया है। यहां 'म' का अर्थ है मन और 'त्र' का अर्थ है मुक्ति। मंत्रों का जाप मन की चिंताओं को दूर करने, तनाव और रुकावटों को दूर करने एवं आपको बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने में मदद करने का एक सिद्ध तरीका है।

जरा चलके अयोध्या जी में देखों (Jara Chalke Ayodhya Ji Me Dekho)

जरा चल के अयोध्या जी में देखो,
राम सरयू नहाते मिलेंगे ॥

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